किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने 'किसान तक' से बातचीत में इस खबर को पूरी तरह से फर्जी बताया कि 20 जून को किसान संगठन शंभू बॉर्डर पर दोबारा रेल रोको आंदोलन करेंगे. अभी हाल में मीडिया में यह खबर चली थी कि किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर दोबारा शंभू बॉर्डर पर रेल रोको आंदोलन करेंगे. पंढेर ने कहा कि अभी तक ऐसी कोई योजना नहीं है और जिस किसान नेता के हवाले से खबर चली है, उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है. सरवन सिंह पंढेर किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव हैं.
पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन की अगुवाई संयुक्त किसान मोर्चा-अराजनैतिक कर रहा है. इस संगठन के नेतृत्व में लगभग सवा सौ दिन से किसान पक्के मोर्चे बनाकर वहां सरकार का विरोध कर रहे हैं. न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी कि MSP की लीगल गारंटी सहित कई मांगों को लेकर उनका आंदोलन चल रहा है. किसान संगठनों और सरकार के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकल पाया है. इस बीच शिवराज सिंह चौहान के नए कृषि मंत्री बनने के बाद वार्ता की उम्मीदें फिर से प्रबल हुई हैं.
इससे पहले रविवार को पंजाब के लुधियाना में किसानों के एक समूह ने टोल टैक्स में हाल ही में की गई बढ़ोतरी के खिलाफ लाधोवाल टोल प्लाजा पर विरोध प्रदर्शन किया और अधिकारियों को यात्रियों से टैक्स न लेने के लिए मजबूर किया. किसानों ने कई घंटे तक टोल को फ्री कर दिया. विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व भारतीय किसान मजदूर संघ और भारतीय किसान संघ ने किया. इस बारे में भारतीय किसान संघ के नेता जगदीश सिंह ने कहा कि लाधोवाल टोल प्लाजा पर टैक्स राज्य में सबसे अधिक है.
उन्होंने दावा किया कि टोल अधिकारियों ने एक साल में तीन बार टैक्स बढ़ाया है और कहा कि इस वृद्धि से लोगों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ा है. भारतीय किसान मजदूर संघ के नेता दिलबाग सिंह ने कहा कि यह राज्य का एकमात्र टोल प्लाजा है जहां एक साल में शुल्क तीन बार बढ़ा है. उन्होंने कहा, "जब कोई नई गाड़ी खरीदता है, तो वह रोड टैक्स के साथ-साथ कई तरह के टैक्स भी देता है. फिर लोग टोल टैक्स क्यों दें?"
प्रदर्शनकारियों ने टोल टैक्स वृद्धि को वापस लेने की मांग की. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर पुलिस तैनात की गई थी. टोल प्लाजा पर टैक्स अप्रैल में बढ़ाए गए थे.
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