शंभू और खनौरी बॉर्डर पर बैठे किसानों ने रेल रोको विरोध को टाल दिया है. इससे पहले पंजाब और हरियाणा सरकार के अधिकारियों ने किसान संगठनों से मुलाकात की और उन्हें मनाया. किसानों ने फिलहाल 16 अप्रैल तक अपना रेल रोको आंदोलन रोक दिया है. किसान यूनियनों ने कहा कि उन्हें आश्वासन दिया गया है कि उनकी मांगों का समाधान 16 अप्रैल तक कर दिया जाएगा. किसान यूनियन के नेताओं ने कहा, "अगर 16 अप्रैल तक मांगें पूरी नहीं हुईं तो हम 17 अप्रैल को रेल रोको प्रदर्शन करेंगे." रेल रोको आंदोलन को रोकने की घोषणा मंगलवार को चंडीगढ़ के पंजाब भवन में यूनियन नेताओं द्वारा पंजाब और हरियाणा सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात के बाद की गई.
किसान यूनियन के नेताओं ने कहा, "अगर 16 अप्रैल तक मांगें पूरी नहीं हुईं तो हम 17 अप्रैल को रेल रोको प्रदर्शन करेंगे." बता दें कि किसान एमएसपी गारंटी सहित अपनी 12 प्रमुख मांगों को लेकर 13 फरवरी से सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. फिलहाल, मंगलवार को पंजाब और हरियाणा सरकार के अधिकारियों से मुलाकात के बाद, शंभू और खनौरी सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान संघों ने 16 अप्रैल तक अपने 'रेल रोको' विरोध को स्थगित करने की घोषणा की. हालांकि आंदोलन लगातार चल रहा है.
ये भी पढ़ें: नासिक की किसान ललिता अपने बच्चों को इस वजह से खेती-किसानी से रखना चाहती हैं दूर
विशेष रूप से, किसान नेता मांग कर रहे हैं कि हरियाणा सरकार को किसान कार्यकर्ता नवदीप जलबेरा और उनके सहयोगी गुरकीरत शाहपुर को रिहा करना चाहिए. दोनों को हरियाणा-पंजाब सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन के संबंध में 13 फरवरी को दर्ज हत्या की कोशिश के मामले में हरियाणा पुलिस ने 28 फरवरी को मोहाली के शहीद भगत सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास से गिरफ्तार किया था. इसके साथ ही किसान यूनियन नेता पंजाब सरकार से शंभू और खनौरी विरोध स्थलों पर बिजली और पानी की सुविधा की मांग कर रहे हैं.
किसान संघ के नेता अमरजीत सिंह मोहरी ने कहा, “हमें आश्वासन दिया गया है कि हमारी मांगों का जल्द ही समाधान किया जाएगा. पंजाब और हरियाणा दोनों सरकारों के अधिकारियों ने हमारी मांगें पूरी करने के लिए कुछ समय मांगा. इसलिए, हमने अपना रेल रोको 16 अप्रैल तक स्थगित कर दिया है.” किसान आंदोलन चलता रहेगा. इस समय लोकसभा चुनाव चल रहा है और साथ ही पंजाब-हरियाणा दोनों राज्यों में गेहूं की कटाई भी जारी है. इन दोनों जरूरी कामों के बीच आंदोलन भी जारी है. आंदोलन के शुरुआती दौर में केंद्र सरकार के तीन मंत्रियों ने किसान नेताओं के साथ चार दौर की बातचीत की थी ताकि विवाद खत्म हो, लेकिन विवाद खत्म होने की बजाय बढ़ता गया.
Copyright©2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today