Poultry: CII ने पोल्ट्री सेक्टर के लिए सरकार से की ये बड़ी सिफारिश, जानें डिटेल 

Poultry: CII ने पोल्ट्री सेक्टर के लिए सरकार से की ये बड़ी सिफारिश, जानें डिटेल 

अभी तक फूड और फीड में शामिल मक्का को अब फ्यूल यानि इथेनॉल में शामिल कर लिया गया है. इसके बाद से मक्का के दाम में बड़ा परिवर्तन देखा जा रहा है. किसानों को मक्का के अच्छे दाम मिलना शुरू हो गए हैं. लेकिन इसके चलते पोल्ट्री सेक्टर को बड़ा झटका लगा है. इसीलिए मक्का आयात करने की मांग की जा रही है.  

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Poultry: CII ने पोल्ट्री सेक्टर के लिए सरकार से की ये बड़ी सिफारिश, जानें डिटेल ब्रॉयलर चिक्स का प्रतीकात्मक फोटो.

इंडियन पोल्ट्री की गिनती दुनिया की बेहतरीन पोल्ट्री में होती है. भारत विश्व में अंडा उत्पादन में दूसरे और चिकन में पांचवें नंबर पर है. पोल्ट्री एक्सपर्ट की मानें तो इंडियन पोल्ट्री का इंफ्रास्ट्रक्चर इतना मजबूत है कि कभी भी उत्पादन को जरूरत के हिसाब से बढ़ाया जा सकता है. लेकिन बीते कुछ वक्त से 2.5 लाख करोड़ वाला पोल्ट्री सेक्टर फीड के बढ़ते दाम से जूझ रहा है. बीते कुछ साल में ही पोल्ट्री फीड के दाम में 10 से 15 फीसद की बढ़ोतरी हो चुकी है.

इसी को देखते हुए कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) ने केन्द्र सरकार से जीएम मक्का आयात करने की अनुमति देने की बात कही है. साथ ही सोयाबीन का उत्पादन बढ़ाने के लिए उचित कदम उठाने की भी मांग की है. सीआईआई का कहना है कि पोल्ट्री सेक्टर हर साल सात से आठ फीसद की दर से बढ़ रहा है. अगर इसे सहयोग मिले तो ये और तेजी से बढ़ सकता है. गौरतलब रहे हाल ही में सीआईआई ने पोल्ट्री विजन-2047 रिपोर्ट जारी की है. 

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इससे पहले सोयाबीन आयात की मंजूरी दे चुकी है सरकार 

पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया (पीएफआई)के कोषाध्यक्ष रिकी थापर ने किसान तक को बताया कि ये कोई पहला मौका नहीं है जब सरकार से पोल्ट्री फीड में शामिल किसी उपज को आयात करने की अनुमति मांगी जा रही है. इससे पहले साल 2021 में पोल्ट्री फीड के लिए सोयाबीन का आयात किया जा चुका है. अगर सरकार मक्का और सोयाबीन के आयात की मंजूरी देती है तो पोल्ट्री फीड के बढ़ते दाम पर काफी हद अंकुश लगाया जा सकता है. फीड पोल्ट्री सेक्टर का अहम हिस्सा है. अगर ब्रॉयलर चिकन की ही बात करें तो 65 से 70 फीसद लागत तो फीड पर ही आती है.  

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पीएफआई ने पशुपालन मंत्री से भी लगाई गुहार 

आज पीएफआई का एक प्रतिनिधि मंडल केन्द्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री परषोतम रूपाला से मिला. रिकी थापर ने बताया कि केन्द्रीय मंत्री के सामने अन्य मुद्दे रखने के साथ ही महंगे होते पोल्ट्री फीड का मुद्दा भी रखा. साथ ही जीएम मक्का और सोयाबीन के आयात की मांग भी रखी. प्रतिनिधि मंडल ने मंत्री को बताया कि अगर जल्द ही पोल्ट्री फीड में शामिल महंगे होते मक्का और सोयाबीन के रेट पर अंकुश नहीं लगाया तो ये पोल्ट्री सेक्टर को बड़ा नुकसान पहुंचाएंगे. क्योंकि फीड पर तो लगातार दाम बढ़ रहे हैं, लेकिन अंडे और चिकन के रेट में कोई खास अंतर नहीं आया है. 
 

 

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