आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने केंद्र से मछली पालन उत्पादों के साथ खड़े होने की अपील की है, सोमवार को एक विज्ञप्ति में कहा गया कि जो संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा लगाए जा रहे भारी शुल्क यानी टैरिफ के कारण नुकसान का सामना कर रहे हैं. केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को लिखे एक पत्र में, सीएम नायडू ने केंद्र से मछली पाकल किसानों को इस अतिरिक्त शुल्क यानी टैरिफ से छूट देने के लिए प्रयास और बचाव करने को कहा है.
केंद्रीय मंत्री को सूचित करते हुए चंद्रबाबू नायडू ने लिखा कि मछली पालन क्षेत्र राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. साथ ही चंद्रबाबू नायडू ने उल्लेख किया कि केंद्र को गहरे संकट में मछली पालकों के साथ खड़ा होना चाहिए. मुख्यमंत्री ने पत्र में उल्लेख किया कि अमेरिकी प्रशासन ने भारत से समुद्री खाद्य निर्यात पर 27 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया है. उन्होंने लिखा कि 2023-24 में भारत से अमेरिका को 2.55 बिलियन डॉलर के समुद्री खाद्य उत्पाद निर्यात किए गए, जिनमें से अकेले झींगा का 92 प्रतिशत हिस्सा था.
ये भी पढ़ें;- ट्रम्प के टैरिफ से भारतीय डेयरी कंपनियां बटोरेंगी मलाई! उद्योग के दिग्गजों ने बताया कितना बड़ा है मौका
उन्होंने बताया कि अमेरिका इक्वाडोर जैसे निर्यातकों पर केवल 10 प्रतिशत का शुल्क लगा रहा है, जो अप्रत्यक्ष रूप से भारत को नुकसान पहुंचाता है. सीएम नायडू ने आगे उल्लेख किया कि देश के निर्यातक पहले से ही 5.77 प्रतिशत काउंटरवेलिंग ड्यूटी (सीवीडी) दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब इन सभी शुल्कों को एक साथ रखा जाता है, तो भारत को इक्वाडोर की तुलना में 20 प्रतिशत शुल्क अंतर का सामना करना पड़ रहा है.
नए अमेरिकी शुल्क 5 अप्रैल को लागू हुए, जिसके कारण अमेरिका को भेजे जाने वाले सभी शिपमेंट पर यह अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. मुख्यमंत्री नायडू ने कहा कि पिछले ऑर्डर के आधार पर पहले से ही तैयार उत्पादों को पैक किया जा चुका है और अब वे कोल्ड स्टोरेज और बंदरगाहों में हैं. नए नियमों के बाद, अब इन पर भी शुल्क बढ़ा दिया गया है. चंद्रबाबू ने पीयूष गोयल को लिखे पत्र में कहा कि यूरोपीय संघ में भारतीय निर्यातकों को 50 प्रतिशत निरीक्षण दरों और चार से सात प्रतिशत आयात शुल्क सहित गैर-टैरिफ बाधाओं का सामना करना पड़ता है.
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वियतनाम जैसे देश, हालांकि, यूरोपीय संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) से लाभान्वित होते हैं, जहां उन्हें शून्य-शुल्क पहुंच प्राप्त है. इसके परिणामस्वरूप, ये देश प्रभावी रूप से यूरोपीय बाजार पर कब्जा कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि वियतनाम, थाईलैंड और जापान जैसे देश भारत से समुद्री भोजन खरीदते हैं, इसे संसाधित करते हैं और इसे अमेरिका को फिर से निर्यात करते हैं. उन्होंने कहा कि अंतिम उत्पादों पर नए उच्च टैरिफ के कारण, वे देश भी भारत से अब अपने ऑर्डर रद्द कर रहे हैं.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today