Tomato Prices: केंद्र ने टमाटर की कीमतों पर नियंत्रण पाने के लिए जनता से मांगा आइडिया, जानें कैसे ले सकते हैं हिस्सा 

Tomato Prices: केंद्र ने टमाटर की कीमतों पर नियंत्रण पाने के लिए जनता से मांगा आइडिया, जानें कैसे ले सकते हैं हिस्सा 

Tomato Grand Challenge Hackathon: टमाटर की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार ने 30 जून को नई दिल्ली में ‘टोमेटो ग्रैंड चैलेंज हैकथॉन’ की घोषणा की. वहीं, हैकथॉन को उपभोक्ता मामलों के विभाग ने शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल के सहयोग से तैयार किया है.

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Tomato Prices: केंद्र ने टमाटर की कीमतों पर नियंत्रण पाने के लिए जनता से मांगा आइडिया, जानें कैसे ले सकते हैं हिस्सा केंद्र ने टमाटर की कीमतों पर नियंत्रण पाने के लिए जनता से मांगा आइडिया

Tomato Prices: टमाटर की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार ने कमर कस ली है. इसके लिए सरकार ने 30 जून को नई दिल्ली में ‘टोमेटो ग्रैंड चैलेंज हैकथॉन’ की घोषणा की, जिसमें जनता से पिछले कुछ हफ्तों में बढ़ी टमाटर की कीमतों को कम करने के लिए नए सुझाव देने का अनुरोध किया गया. वहीं सरकार को उत्पादक केंद्रों से सप्लाई बढ़ने के साथ टमाटर की कीमतें अगले 15 दिनों में कम होने और एक महीने में सामान्य स्तर पर आ जाने की उम्मीद है. मालूम हो कि कुछ महीने पहले जब प्याज की कीमतें बढ़ीं थी तब भी ऐसी ही कवायद की गई थी. 

प्रतियोगिता में कौन ले सकता है भाग?

केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि उनके मंत्रालय को प्याज के मूल्य को बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रित करने पर 13 विचार प्राप्त हुए थे. इस नई प्रतियोगिता में छात्र, रिसर्च स्कॉलर, शिक्षक, इंडस्ट्री, उद्योग के व्यक्ति, भारतीय स्टार्ट-अप, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) और पेशेवर भाग ले सकते हैं. इच्छुक प्रतिभागी पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं.

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रोहित कुमार सिंह ने कहा कि उपभोक्ताओं को किफायती कीमतों पर टमाटर की उपलब्धता सुनिश्चित करने और टमाटर किसानों को मूल्य प्राप्त करने में मदद करने के लिए टमाटर वैल्यू चैन पर विचार किया जा सकता है. वहीं, हैकथॉन को उपभोक्ता मामलों के विभाग ने शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल के सहयोग से तैयार किया है.

दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्रों में होता है सबसे ज्यादा उत्पादन 

सिंह ने कहा कि, अलग-अलग क्षेत्रों में बुवाई और कटाई के मौसम का चक्र अलग-अलग होता है. वहीं, सामान्य मूल्य में वृद्धि मौसमी के अलावा, सप्लाई में रुकावट और विपरीत मौसम की स्थिति के कारण फसल नुकसान होने पर अक्सर होती है. वहीं अधिकतम उत्पादन भारत के दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्रों में होता है, जो अखिल भारतीय उत्पादन में 56-58 प्रतिशत का योगदान देता है. दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्र के राज्य सरप्लस उत्पादन होने के कारण, उत्पादन मौसम के आधार पर अन्य बाजारों को सप्लाई करते हैं. उन्होंने कहा कि 29 जून को टमाटर की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमत 49 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जबकि एक साल पहले इसी दिन यह 51.50 रुपये प्रति किलोग्राम थी. हालांकि उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस दर को उचित नहीं ठहरा रहा हूं. यह मौसमी समस्या को साबित करता है.’’

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इसे एक जटिल समस्या बताते हुए सचिव ने कहा कि सरकार इस पर गौर कर रही है और सालभर इसकी सप्लाई सुव्यवस्थित करने के लिए समाधान ढूंढ रही है. उपभोक्ता मामलों के विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 30 जून को अखिल भारतीय आधार पर टमाटर का औसत खुदरा मूल्य 56.58 रुपये प्रति किलोग्राम है. मॉडल मूल्य 100 रुपये प्रति किलोग्राम है जबकि अधिकतम मूल्य 123 रुपये प्रति किलोग्राम है.

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