बिहार के पहले इथेनॉल प्लांट की उड़ गई छत, साल भर पहले नीतीश कुमार ने किया था उद्घाटन, लाखों का नुक़सान

बिहार के पहले इथेनॉल प्लांट की उड़ गई छत, साल भर पहले नीतीश कुमार ने किया था उद्घाटन, लाखों का नुक़सान

बारिश के दौरान आकाशीय बिजली अचानक इथेनॉल प्लांट के प्रोडक्शन और कंजक्शन यूनिट पर आ गिरी. इससे मुख्य यूनिट का स्टॉकर बॉक्स जहां 2500 मीट्रिक टन वेस्ट मक्का इथेनॉल बनाने के प्रोसेस के लिए रखा गया था, वह स्टॉकर बॉक्स के साथ ही नष्ट हो गया.

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बिहार के पहले इथेनॉल प्लांट की उड़ गई छत, साल भर पहले नीतीश कुमार ने किया था उद्घाटन, लाखों का नुक़सानआकाशीय बिजली से एथेनॉल प्लांट को हुआ भारी नुकसान

पूर्णिया में बिजली गिरने से बिहार के पहले इथेनॉल प्लांट को भारी नुकसान हुआ है. 105 करोड़ रुपये की लागत से बने इस इथेनॉल प्लांट का उद्घाटन पिछले साल ही सीएम नीतीश कुमार ने किया था. कृत्यानंद नगर के परोरा स्थित इथेनॉल प्लांट को आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 5 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है. इसका असर सीधे इथेनॉल प्लांट के उत्पादन और निर्माण इकाई पर पड़ा जिससे साइलो बॉक्स, ड्रैग चेन और बॉयलर पूरी तरह नष्ट हो गए. वहीं साइलो बॉक्स में रखा 2500 मीट्रिक टन मक्का भी पूरी तरह बर्बाद हो गया है.

15 एकड़ जमीन पर बना है इथेनॉल प्लांट 

रोजाना 65 हजार लीटर इथेनॉल का उत्पादन करने वाले इस प्लांट की 15 एकड़ जमीन पर बनी मुख्य इकाई पर आकाशीय बिजली गिरने से प्लांट का कामकाज अब पूरी तरह से ठप हो गया है. घटना दोपहर करीब एक बजे की है. केंद्र और राज्य सरकार की इथेनॉल नीति 2021 के तहत बने देश के पहले ग्रीनफील्ड अनाज आधारित इथेनॉल प्लांट पर बिजली गिरने से उत्पादन और निर्माण कार्य बहाल होने में काफी समय लगेगा. इस यूनिट से बिहार के करीब 10 जिलों के किसानों को लाभ मिलता है.

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10 जिले के किसानों को मिलता है इससे लाभ

केंद्र-राज्य सरकार की इथेनॉल पॉलिसी 2021 के तहत बने देश के पहले ग्रीनफील्ड ग्रेन बेस्ड इथेनॉल प्लांट के प्रोडक्शन और कंजक्शन का काम दोबारा से बहाल होने में लंबा वक्त लगेगा. इस यूनिट से बिहार के करीब 10 जिले के किसानों को लाभ मिलता है. राजीव सिंह (प्रोडक्शन मैनेजर) ने बताया कि बीते दिन शनिवार को बारिश हो रही थी. इस दौरान अचानक वाइब्रेशन हुआ और प्लांट के शेड का टॉप टूटकर नीचे की ओर धंस गया. लगभग 2500 क्विंटल मकई के दाने शेड के अंदर रखे हुए थे जो कि लगभग 05 करोड़ रुपये कीमत के होंगे. तेज बारिश होने के कारण, बारिश का पानी गोदाम के अंदर चला गया जिससे सारा मकई खराब हो गया है.

पूरे मामले में सियासी बयानबाजी शुरू

वहीं घटना को लेकर जनता दल यूनाइटेड (JDU) के प्रदेश महासचिव इंजीनियर सुनील सिंह ने बताया कि 01 वर्ष पहले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस इथेनॉल प्लांट का उद्घाटन किया था. वहीं 01 वर्ष बीतने के बाद इस तरह बारिश में शेड का क्षतिग्रस्त हो जाना इसकी गुणवत्ता पर कई सवाल खड़े करता है और यह जांच का विषय है. उन्होंने आगे बताया कि इथेनॉल प्लांट के क्षतिग्रस्त होने के बाद सुनने में आ रहा था कि ठनका (बिजली) गिरने से प्लांट क्षतिग्रस्त हुआ है जो कि सरासर गलत है. यहां ठनका गिर नहीं सकता क्योंकि यहां कंडक्टर लगा हुआ है. ठनका प्रतिरोधक मशीन लगी हुई है तो ठनका कैसे गिरेगा. आंधी तूफान से यह घटना हो सकती है, क्योंकि इसकी गुणवत्ता में कमी है. इसे सही से बनाया नहीं गया है जिस कारण नष्ट हो गया है.

इथेनॉल प्लांट के पानी से लोगों को हो रही समस्या

सुनील सिंह ने इथेनॉल प्लांट के पानी को लेकर सवाल उठाया और कहा कि इसका पानी बहुत दुर्गंध फैलाता है. इसके बाद इस पानी को आसपास के किसानों के खेतों में डाल दिया जाता है. प्लांट मालिक ने इस पानी की निकासी की उचित व्यवस्था नहीं की है जिसके कारण यहां के बुजुर्ग लोग बीमार पड़ रहे हैं. कई लोग अस्थमा से पीड़ित हैं और उनका इलाज चल रहा है. वहीं कर्मचारियों की मिलीभगत से स्थानीय लोगों को प्लांट में रोजगार का मौका नहीं मिल पाता है. यहां बाहर से लोगों को बुलाकर काम कराया जाता है.(अमित सिंह की रिपोर्ट)

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