बिहार के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मंगलवार को राज्य का आम बजट पेश किया. इस बजट में बिहार सरकार ने पशुपालन और मत्स्य पालन को लेकर 525.38 करोड़ का प्रावधान किया है. बिहार में नई महागठबंधन सरकार ने अपने पहले आम बजट 2023-24 में कई नई घोषणाएं की हैं. 27 फरवरी सोमवार से शुरू होकर पांच अप्रैल तक चलने वाले इस बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने विधानसभा और विधान परिषद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया. वहीं बिहार विधानसभा में वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बजट पेश किया. बजट पेश करने से पहले सवाल-जवाब किया गया. इस बजट में बिहार सरकार ने राज्य के सभी पशुओं के टीकाकरण की भी घोषणा की है.
बिहार सरकार ने पशुओं के स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए हर एक जिले के प्रत्येक 8 से 10 पंचायतों में पशु अस्पताल स्थापित किए जाएंगे. जिसमें अस्पताल में कृत्रिम गर्भाधान और टीकाकरण की व्यवस्था की जाएगी. वहीं इसके लिए डोर स्टेप डिलीवरी की भी व्यवस्था की जाएगी. पशुपालक इसका लाभ कॉल सेंटर में कॉल करके इसकी जानकारी ले सकते हैं.
बजट में वित्त मंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि राज्य मे दूध की व्यवसाय को बढ़ाने और रोजगार में सृजन लाने के के लिए गव्य विकास योजना के तहत प्रदेश के करीब 7000 गांवों में दूध सहकारी समितियों का गठन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार महिलाओं की भागीदारी और महिलाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिए इस योजना में 40 प्रतिशत महिला सहकारी समितियों का गठन किया जाएगा. ऐसी योजना का लाभ मिलने से प्रदेश की महिलाओं के लिए रोजगार मुहैया होगा. इस योजना के लिए सरकार ने पशुपालन और मत्स्य पालन वाले 525.38 करोड़ रुपये में से 113 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
बिहार सरकार ने बजट में पशुओं का टीकाकरण करने की घोषणा की है. क्योंकि पशु किसानों की आय का प्रमुख साधन होते हैं. बिहार के किसान बड़ी संख्या में पशुपालन से जुड़े हुए हैं, लेकिन, पशुओं को होने वाले अनेक प्रकार के रोग जैसे लंपी और खुरपा पशुओं के साथ ही किसानों को नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसे में पशुओं को रोगों से बचाने के लिए सरकार ने पशुओं के टीकाकरण की घोषणा की है. टीकाकरण से किसानों को पशु को होने वाली बीमारियों से छुटकारा मिलेगा. सरकार द्वारा यह टीकाकरण नि:शुल्क लगाया जाएगा. वहीं इस पेश हुए बजट में सरकार द्वारा मछली पालन, मुर्गा पालन पर भी जोर दिया गया है.
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