Cotton Price: महाराष्‍ट्र की ज्‍यादातर मंडियों में कपास की कीमतें MSP से नीचे, इतना मिल रहा दाम

Cotton Price: महाराष्‍ट्र की ज्‍यादातर मंडियों में कपास की कीमतें MSP से नीचे, इतना मिल रहा दाम

देशभर में कपास का उत्‍पादन कम होने के बावजूद कपास की कीमतें बढ़ने का नाम नहीं ले रही हैं. महराष्‍ट्र की कई मंडियों में कपास की कीमतें एमएसपी से नीचे दर्ज की गईं. कपास की कम कीमत से किसान परेशान हैं. यही भाव मिलता रहा तो उनकी लागत निकलना भी मुश्किल हो जाएगी.

Advertisement
Cotton Price: महाराष्‍ट्र की ज्‍यादातर मंडियों में कपास की कीमतें MSP से नीचे, इतना मिल रहा दाममहाराष्‍ट्र की मंडियों में कपास का भाव एमएसपी से नीचे. (फाइल फोटो)

कपास की घटती कीमतों से किसान परेशान नजर आ रहे हैं. पिछले डेढ़ महीने में ही कपास का भाव एमएसपी से 700 रुपये प्रति क्विंटल तक नीचे गिर गया है. ऐसे में किसान च‍िंतित है कि उचि‍त दाम नहीं मिलने से उनकी लागत भी नहीं निकल पाएगी. पिछले तीन सालों से कपास का उत्‍पादन कम हो रहा है. बावजूद इसके किसानों को कम दाम पर उपज बेचनी पड़ रही है. सरकार की ओर से मीडियम स्टेपल कपास के लिए 7,121 रुपये प्रति क्विंटल और लॉन्ग स्टेपल कपास के लिए 7,521 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी निर्धारित है, लेकिन किसानों को इससे कम कीमत मिल रही है. महाराष्‍ट्र की मं‍डियों में गुरुवार 21 नवंबर 2024 को कपास का यह भाव रहा.

महराष्‍ट्र की मंडियों में कपास का भाव

मंडी आवक न्‍यूनतम कीमत (रु. में) अध‍िकतम कीमत (रु. में) मॉडल कीमत (रु. में)
सावनेर 2400 6900 6950 6925
किनवट 46 6700 6900 6825
भद्रावती 802 7220 7521 7371
समुद्रपुर 520  6500 7000 6800
वडवणी 45 6700 6900 6850
मौदा 110  6750 6950 6800
अकोट 1300 (H-4 म‍ीडियम स्‍टेपल) 6950 7445 6980
अकोला 779 7321 7471 7396
अकोला(बोरगांव मंजू) 307  7246  7471 7358
वर्धा 975 (म‍ीडियम स्‍टेपल) 7000  7521 7300
बरसी तकली 10000 (म‍ीडियम स्‍टेपल) 7471  7471  7471
पुलगांव 920 (म‍ीडियम स्‍टेपल) 6800         7100 7000

नोट: आंकड़े महाराष्‍ट्र एग्रीकल्‍चर मार्केटिंग बोर्ड के अनुसार हैं.

कीट के हमले से कपास किसान परेशान

कपास के कम उत्‍पादन के पीछे मुख्‍य रूप से जलवायु परिस्थित‍ियां, कीट और रोग जिम्‍मेदार है. पिछले कुछ सालों में कपास की फसलों पर कीट गुलाबी सुंडी (Pink Bollworm) का हमला तेजी से बढ़ा है. ये कीट कपास की बॉल में घुस जाते हैं, जिससे इन पर कीटनाशकों का भी असर नहीं होता. यही वजह है कि बड़ी संख्‍या में किसान कपास की खेती करने से पीछे हट रहे हैं. देश में कपास का कम उत्‍पादन के कारण इसका आयात बढ़ेगा और सीधे तौर पर कपड़ा उद्योग प्रभावि‍त होगा और कपड़े महंगे होंगे.

POST A COMMENT