FPO: बिचौलिये खत्म! अब किसानों से सीधे कृषि उपज खरीद रही हैं ये कॉरपोरेट कंपनियां

FPO: बिचौलिये खत्म! अब किसानों से सीधे कृषि उपज खरीद रही हैं ये कॉरपोरेट कंपनियां

FPO: कॉरपोरेट कंपनियों और किसान समूहों के बीच साझेदारी किसानों के लिए एक मजबूत आर्थिक अवसर बनकर उभर रही है. इससे किसानों की आय में बढ़त होगी, बिचौलियों की भूमिका कम होगी और भारत में कृषि व्यापार का नया मॉडल तैयार होगा.

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FPO: बिचौलिये खत्म! अब किसानों से सीधे कृषि उपज खरीद रही हैं ये कॉरपोरेट कंपनियांबड़ी कंपनी से जुड़कर किसानों को मिलेगा सीधा लाभ (

FPO: अब बड़े कॉरपोरेट खरीदार जैसे ओलम इंटरनेशनल, मदर डेयरी, बिग बास्केट, ब्रिटानिया और कंट्री डिलाइट किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) से सीधे कृषि उपज खरीद रहे हैं. इसका मुख्य उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और बिचौलियों को हटाना है. हाल ही में ओलम इंटरनेशनल ने उत्तर प्रदेश के हाथरस और बिहार के पूर्णिया और खगड़िया जिलों के किसान समूहों से मक्का (मकई) की सीधी खरीदारी की. इससे किसानों को उनकी उपज का अच्छा मूल्य मिला और उन्हें अपने उत्पाद बेचने के लिए मंडियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ा.

कॉरपोरेट खरीदारी से बनेगा लंबा रिश्ता

कृषि मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि यह पहल FPOs के लिए एक सुनियोजित, स्थायी और स्केलेबल बाजार का रास्ता खोल रही है. इससे किसान समूहों को लंबे समय तक लाभ होगा और वे कंपनियों से सीधा संबंध बना सकेंगे.

मंडी टैक्स पर भी हो रहा विचार

हालांकि अभी कंपनियां राज्यों में आवश्यक मंडी टैक्स का भुगतान कर रही हैं, लेकिन सरकार राज्य सरकारों से आग्रह कर रही हैं कि वे FPOs के लिए मंडी शुल्क में छूट दें. इससे मार्केट यार्ड अधिक प्रतिस्पर्धी बनेंगे और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास को भी बढ़ावा मिलेगा.

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वेबिनार के माध्यम से हो रहा संवाद

कृषि मंत्रालय ने एक विशेष अभियान शुरू किया है जिसमें हर सप्ताह वेबिनार के माध्यम से कंपनियों और FPOs को जोड़ा जा रहा है. इन वेबिनारों में ओलम, बिग बास्केट, ब्रिटानिया, फ्लिपकार्ट, मदर डेयरी, कंट्री डिलाइट जैसी कंपनियां भाग ले रही हैं. इस पहल का मुख्य फोकस ताजे फल और सब्जियों पर है, क्योंकि इनमें खराब होने की संभावना अधिक होती है और किसानों को सही कीमत नहीं मिल पाती. सरकार का उद्देश्य है कि इन उत्पादों के लिए बेहतर भंडारण और परिवहन की सुविधा विकसित की जाए.

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गेहूं की सीधी खरीद में भी बढ़त

2025-26 की रबी मार्केटिंग सीजन में राजस्थान और उत्तर प्रदेश में FPOs को गेहूं खरीद में शामिल किया गया है. NCCF ने अब तक 103 करोड़ रुपये का गेहूं सीधे किसानों से खरीदा है, वहीं ओलम ने 42.96 करोड़ रुपये की मक्का खरीदी है. सरकार के ONDC (Open Network for Digital Commerce) प्लेटफॉर्म पर अब तक 8,500 से अधिक FPOs को जोड़ा गया है. यहां किसान चावल, शहद, खाद्य तेल जैसे उत्पाद सीधे ग्राहकों को बेच रहे हैं.

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