जीविका से जुड़कर आज ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को अपने सपनों को पूरा करने का बेहतर मौका मिल रहा है. वहीं जीविका से जुड़ी महिलाओं का कहना है कि कभी ज़िंदगी कि गाड़ी को चलना काफी मुश्किलों से भरा होता था, लेकिन अब ज़िंदगी में ख़ुशहाली है. बिहार के सारण जिले की रहने वाली सीता देवी कहती है कि जीविका से जुड़ने से पहले वह शराब बनाती थी, लेकिन अब वे सब कुछ छोड़कर इस जीविका से जुड़कर बांस से बनी चीजें बनाती हैं. वहीं पुष्पा कहती हैं कि उन्हें G-20 पटना में शामिल होने का मौका मिला. सुनिए जीविका स्कीम को लेकर महिलाओं का क्या कुछ कहना है
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