उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने विधानसभा चुनाव 2022 के घोषणा पत्र में किसानों का ट्यूबवेल का बिजली बिल जीरो करने का वादा किया था. आज डेढ़ साल हो चुके हैं लेकिन अभी भी किसानों का बिजली का बिल जीरो नहीं हुआ है. किसान इसी इंतजार में अपने ट्यूबवेल का बिल जमा नहीं कर रहे हैं जिसके चलते अब उन वह बिजली विभाग के बड़े कर्जदार बन गए हैं . किसान दिलराज सिंह ने किसान तक से बात करते हुए बताया की किसान और बिजनेसमैन में कोई फर्क नहीं है. किसान आज भी खेती करता है लेकिन उसके यहां ट्यूबवेल पर जो मीटर लगा है उसे ₹10 प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली का रेट वसूली जाती है जबकि यही रेट फैक्ट्री का भी है.
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