बासमती चावल का मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस (MEP) 1200 डॉलर प्रति मीट्रिक टन तय करने के बाद करीब दो महीने तक इंडस्ट्री में हाहाकार मचा रहा. यह माहौल बनाया गया कि केंद्र के इस फैसले की वजह से बासमती चावल के अंतरराष्ट्रीय बाजार पर पाकिस्तान कब्जा कर रहा है क्योंकि उसके यहां से एक्सपोर्ट होने वाले बासमती का दाम भारत के मुकाबले कम हो गया है. लेकिन, सरकार ने इस थ्योरी को खारिज कर दिया है. एक्सपोर्ट को लेकर आई केंद्र सरकार की ताजी रिपोर्ट इस बात की तस्दीक कर रही है कि इतने एमईपी के बावजूद निर्यात कम नहीं हुआ है. बल्कि पिछले साल के मुकाबले बासमती का एक्सपोर्ट काफी बढ़ गया है. हालांकि, सरकार बासमती उद्योग और किसानों के विरोध के बाद इसका एमईपी घटाकर अब 950 डॉलर प्रति टन कर चुकी है.
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