Disease Resistant Basmati Variety: बासमती चावल का एक्सपोर्ट और बढ़ाने के लिए रोगरोधी किस्मों का विस्तार जरूरी है, ताकि कोई भी देश कीटनाशकों का मुद्दा उठाकर भारत के कृषि उपज की साख पर सवाल न उठा सके. पूसा के वैज्ञानिकों ने विकसित की हैं झुलसा और झोका रोग न लगने वाली तीन किस्में. इन किस्मों में पूसा बासमती 1847, पूसा बासमती 1885 और पूसा बासमती 1886 शामिल हैं. अभी बीज की कमी की वजह से सिर्फ 2 लाख हेक्टेयर में ही रोगरोधी किस्मों की बुवाई हो सकी है. जबकि, भारत में लगभग 20 लाख हेक्टेयर में बासमती धान की खेती होती है. यानी बासमती धान का भारत में जो कुल एरिया है उसके 10 फीसदी में रोगरोधी किस्में पहुंच चुकी हैं.
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