केंद्र सरकार के चीनी निर्यात खोलने और इथेनॉल कीमतों में बढ़ोत्तरी के फैसलों से चीनी मिलों को वित्तीय बोझ से राहत मिली है. इन फैसलों के करीब 20 दिनों के दौरान देशभर के गन्ना किसानों को चीनी मिलों की ओर से करीब 16 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. प्रमुख मिलों के उद्योग निकाय ISMA के अनुसार चीनी मिलों के पास लिक्विडिटी में बढ़ोत्तरी से देशभर के गन्ना उगाने वाले करीब 5.5 करोड़ परिवारों को लाभ पहुंचा है. सर्वाधिक रकम भुगतान उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को अनुमानित 6.5 हजार करोड़ रुपये की गई है. इसके साथ ही कर्नाटक, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों के किसानों को भी राशि जारी की गई है.
भारतीय चीनी एवं जैव ऊर्जा निर्माता संघ (Indian Sugar & Bio Energy Manufacturers Association (ISMA)) ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से 20 जनवरी 2025 को मौजूदा 2024-25 सीजन के लिए 10 लाख टन चीनी के निर्यात को मंजूरी देने के निर्णय ने चीनी उद्योग को जरूरी बढ़ावा दिया है. जबकि, केंद्रीय कैबिनेट ने 29 जनवरी 2025 गन्ना के बाय प्रोडक्ट सी हैवी गुड़ से बनने वाले इथेनॉल की कीमत 1.69 रुपये प्रति लीटर बढ़ाकर 57.97 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दी. केंद्र के इन फैसलों से चीनी मिलों पर वित्तीय बोझ कम हुआ है, जिससे करीब 20 दिनों में किसानों का भुगतान करने में तेजी दिखाई गई है.
भारतीय चीनी और जैव ऊर्जा निर्माता संघ (ISMA) के महानिदेशक दीपक बल्लानी ने बताया कि सरकार द्वारा 2024-25 के लिए 10 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति देने का निर्णय समय पर लिया गया एक कदम है, जिसने चीनी उद्योग को बहुत जरूरी राहत दी है. इसने चीनी मिलों की लिक्विडिटी में सुधार किया है, जिससे वे गन्ना भुगतान को और तेजी से चुकाने में सक्षम हो गए हैं. इसका प्रभाव पहले से ही दिखाई दे रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्र की घोषणाओं के बाद से करीब 16,000 करोड़ का गन्ना भुगतान किया गया है, जिससे 5.5 करोड़ किसानों और उनके परिवारों को लाभ हुआ है.
उन्होंने बताया कि प्रमुख चीनी उत्पादक राज्यों में सर्वाधिक रकम उत्तर प्रदेश के किसानों को भुगतान की गई है. अब तक किस राज्य के किसानों को गन्ना का अनुमानित कितना भुगतान चुकाए गया है, ISMA की ओर से जारी राज्यवार अनुमानित आंकड़े देखिए-
ISMA के महानिदेशक ने कहा कि यह कदम किसानों के लिए वित्तीय स्थिरता पक्की करने और चीनी क्षेत्र के समग्र स्वास्थ्य को मजबूत करने में मदद करेगा. उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री की लंबे समय तक स्थिरता बनाए रखने के लिए हम सरकार से इसे जारी रखने का आग्रह करते हैं. क्योंकि ग्रामीण समृद्धि, रोजगार और भारत के इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम के लिए एक स्थिर और व्यवहार्य चीनी सेक्टर जरूरी है. उन्होंने कहा कि ISMA चीनी उद्योग के निरंतर विकास को सुनिश्चित करने के लिए नीति निर्माताओं के साथ काम करने के लिए तत्पर है.
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