राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शपा) 14 सितंबर को महाराष्ट्र के नासिक में कार्यकर्ताओं और नेताओं के लिए एक विशेष शिविर का आयोजन करेगी. इसके बाद पार्टी अगले दिन 15 सितंबर किसानों की समस्याओं को उजागर करने और ऋण माफी की मांग को लेकर एक 'मोर्चा' भी निकालेगी. मुंबई में दोनों कार्यक्रमों की घोषणा करते हुए एनसीपी (शपा) की राज्य इकाई के अध्यक्ष शशिकांत शिंदे ने बताया कि शिविर की अध्यक्षता पार्टी प्रमुख शरद पवार करेंगे. बता दें कि महायुति के घोषणापत्र में शामिल होने के बावजूद, महाराष्ट्र में लंबे समय से किसानों की कर्ज माफी को लेकर राज्य सरकार की ओर से लगातार अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं.
15 सितंबर की रैली में सम्पूर्ण कृषि ऋण माफी, सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर तुअर, मूंग और प्याज की तत्काल खरीद, और गन्ना किसानों के संबंध में राज्य सरकार के फैसलों के कार्यान्वयन जैसी मांगों पर प्रकाश डाला जाएगा. पार्टी की राज्य कार्यकारिणी की बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए शिंदे ने कहा कि पवार की अध्यक्षता में हुई बैठक में महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा विधेयक, कथित चुनावी गड़बड़ियों और प्रीपेड बिजली मीटरों सहित जन मुद्दों पर आंदोलन तेज करने का संकल्प लिया गया.
शशिकांत शिंदे ने कहा कि नासिक मोर्चा बेमौसम बारिश के कारण नासिक को अतिवृष्टि घोषित करने के लिए भी दबाव बनाएगा. शिविर का समापन मोर्चा की बैठक के साथ होगा, जिसमें शरद पवार, वरिष्ठ नेता, पदाधिकारी, कार्यकर्ता और राज्य तथा देश भर से बड़ी संख्या में किसान भाग लेंगे. पूर्व राज्य मंत्री ने कहा कि नासिक रैली के बाद पार्टी पूरे महाराष्ट्र में जिला, तालुका और शहर स्तर पर ऐसे आंदोलन शुरू करेगी.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र की विपक्षी पार्टियां सत्तारूढ़ गठबंधन पर निशाना साधते हुए कृषि ऋण माफी में देरी करने और राज्य में किसानों की दुर्दशा के प्रति चिंता न दिखाने का आरोप लगा रही हैं. हाल ही में बीजेपी नेता और महाराष्ट्र कृषि मूल्य आयोग के अध्यक्ष पाशा पटेल ने भी एक विवादित बयान में कहा था कि सरकार अत्यधिक वर्षा से हुए नुकसान की भरपाई किसानों को नहीं कर सकती और उन्हें ऐसी परेशानियों की आदत डाल लेनी चाहिए. मराठवाड़ा और अन्य जगहों पर भारी बारिश से प्रभावित किसानों को मुआवजा देना सरकार के लिए संभव नहीं है.
वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा है कि महायुति सरकार किसानों के ऋण माफी के अपने वादे से पीछे नहीं हटी है और उन्होंने आश्वासन दिया कि यह उपाय उचित समय पर लागू किया जाएगा. रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए पवार ने कहा, "हम कृषि ऋण माफी के अपने वादे से पीछे नहीं हटे हैं. महायुति के घोषणापत्र में हमने जो आश्वासन दिया था, हम उसके प्रति प्रतिबद्ध हैं. एक समिति का गठन किया गया है, क्योंकि ऐसे निर्णयों के लिए वित्तीय पहलुओं पर सावधानीपूर्वक विचार करने की आवश्यकता होती है."
(सोर्स- PTI)
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