बिहार में जमीन का सर्वे किया जा रहा है. इसलिए अगर आप बिहार के हैं और बिहार में आपकी जमीन है तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है. दरअसल, बिहार सरकार जमीन का सर्वे करा रही है. ऐसे में कई तरह के सवाल हैं जो लोगों के मन में उठ रहे हैं. खास कर वो लोग जो काम के सिलसिले में बाहर रहते हैं. जिनकी जमीन उनके बाप और दादा के नाम पर है. उन लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. सवाल यह है कि वे सर्वे में अपनी जमीन को अपने नाम पर कैसे कराएं.
अधिकांश लोगों की चिंता यह है कि उनकी जमीन उनके बाप-दादा के नाम पर है. जबकि कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने जमीन खरीद कर रजिस्ट्री तो करा ली है, उनसे पास जमीन की सेल डीड तो है पर लंबे समय से उन्होंने जमीन का दाखिल खारिज नहीं कराया है. इसलिए रजिस्टर 2 में उनका नाम नहीं चढ़ा हुआ है. ऐसे कई सवाल हैं जो लोगों के मन में हैं. ऐसे में आपके लिए यह जानना जरूरी है कि सर्वे के दौरान कौन-कौन से दस्तावेजों की जरूरत होगी. इन दस्तावेजों को अगर आप तैयार रखते हैं तो फिर आपको परेशानी नहीं होगी.
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इस मामले में भू-राजस्व विभाग का कहना है कि जिन लोगों ने म्यूटेशन नहीं कराया है, उन्हें किसी प्रकार से चिंता करने की जरूरत नहीं है. जिनकी रसीद अपडेट नहीं है वो पुराना रसीद दिखाकर भी अपना काम करा सकते हैं. जो लोग अपनी पुश्तैनी जमीन का दावा करेंगे उन्हें वंशावली की जरूरत पड़ेगी. इसके अलावा सर्वेयर की तरफ से दस्तावेज की मांग की जाएगी जब वे जमीन के कागजात से संतुष्ट नहीं होंगे या उनमें किसी प्रकार की कमी होगी.
जो लोग बिहार से बाहर रहते हैं वो राजस्व विभाग की वेबसाइट land.bihar.gov.in पर जाकर जमीन सर्वे से संबंधित दस्तावेज और वंशालवी डाउनलोड कर सकते हैं. इसके साथ ही बिहार सर्वे ट्रैकर के नाम से मोबाइल ऐप भी डाउनलोड कर सकते हैं. यहां पर भूमि सर्वेक्षण से जुड़ी तमाम जानकारी और अपडेट हासिल कर सकते हैं. इस ऐप में स्व घोषणा पत्र और वंशावली को अपलोड करने की भी सुविधा दी गई है. ऑनलाइन के अलावा जो लोग बिहार में रहते हैं वो अपने संबंधित जिलों में लगे ऑफलाइन शिविर में भी जाकर आवेदन कर सकते हैं.
जब जमीन मालिक सर्वेयर के पास अपनी जमीन के प्रमाण पत्र को सौंपेंगे, उन कागजातों का मिलान सरकारी दस्तावेजों से किया जाएगा. इसके बाद ही जांच पड़ताल करके फाइनल तरीके से अपलोड किया जाएगा. अगर जमा किए गए दस्तावेजों में खाता संख्या या प्लाट संख्या किसी भी चीज का मिलान सरकार के पास नहीं होगा तो फिर संबंधित जमीन के मालिक को इस बारे में सूचित किया जाएगा और उसे जमीन सा सही दस्तावेज की मांग की जाएगी. अगर कागजात नहीं उपलब्ध कराए जाएंगे तो फिर पुराने नाम पर ही जमीन चढ़ा दी जाएगी.
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