बिहार में भूमि सर्वेक्षण किया जा रहा है. इस सर्वेक्षण के जरिए जमीन के दस्तावेज उन लोगों के नाम किए जाएंगे जो उनके मालिक हैं. जमीन पर अपना दावा पेश करने के लिए रैयत को जमीन से संबंधित कागजात भी दिखाने होंगे. जब सर्वेयर आपकी जमीन पर सर्वे करने के लिए आएंगे, उस समय आपको ये सभी कागजात दिखाने होंगे. कागजात से संतुष्ट होने बाद 15 दिनों के भीतर जमीन आपके नाम पर हो जाएगी. इससे पहले अगर किसी दस्तावेजों को लेकर जांच में कोई खामियां पाई जाती हैं, तो फिर से कागजात मांगे जाएंगे.
आज भी बिहार के कई लोग ऐसे हैं जो बिहार से बाहर अपने काम के सिलसिले में रहते हैं. जिन्होंने अपनी पुश्तैनी जमीन का बंटवारा तो कराया है पर यह बंटवारा सिर्फ मौखिक ही हुआ है. ऐसे में सर्वे के दौरान रैयतों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. उन्हें इस समय जमीन पर दावा करने के लिए लिखित सहमति पत्र दिखाना होगा, जो परिवार की सहमति से बंटवारा हुआ है. सरकार का मानना है कि इस सर्वे के जरिए राज्य के पास भी जमीन का पूरा डेटा रहेगा ताकि उसे बाद में जमीन अधिग्रहण करने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो.
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ऐसे में यह सवाल सभी के मन में है कि आखिर सर्वे के दौरान कौन-कौन से कागजात मांगे जाएंगे. बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की तरफ से इससे संबंधित गाइडलाइन जारी की गई है. विभाग की तरफ से जारी गाइडलाइन के मुताबिक, नीचे बताए गए कागजातों की जरूरत होगी. इसलिए इसे तैयार कराकर रख लें.
इन कागजातों की होगी जरूरत
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इस सर्वे में उन लोगों की चिंता बढ़ी हुई जिन लोगों ने जमीन की रजिस्ट्री तो अपने नाम पर करा ली है पर लंबे समय से जमीन का म्यूटेशन नहीं कराया है. उन्हें भी चिंता करने की जरूरत है. वो लोग उस जमीन की पुरानी रसीद दिखाकर काम कर सकते हैं. जो लोग बिहार से बाहर रहते हैं वे बिहार सरकार की वेबसाइट land.bihar.gov.in पर जाकर जमीन से संबंधित दस्तावेज और जानकारी हासिल कर सकते हैं. इसके अलावा सर्वे ट्रेकर के नाम से मोबाइल ऐप भी डाउनलोड कर सकते हैं.
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