Bihar Fourth Agriculture Road Map: बिहार में खेती-बाड़ी चौथे रोड मैप के सहारे, कई नेताओं ने उठाए सवाल

Bihar Fourth Agriculture Road Map: बिहार में खेती-बाड़ी चौथे रोड मैप के सहारे, कई नेताओं ने उठाए सवाल

बिहार में चतुर्थ कृषि रोड मैप लागू हो चुका है. उसके बाद से बिहार के सियासी गलियारों से विरोध शुरू हो गया है. विधानसभा नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा सहित पूर्व कृषि मंत्री ने सवाल खड़ा किए हैं.

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Bihar Fourth Agriculture Road Map: बिहार में खेती-बाड़ी चौथे रोड मैप के सहारे, कई नेताओं ने उठाए सवालबिहार में चतुर्थ कृषि रोडमैप का विरोध

18 अक्टूबर को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बिहार सरकार के चौथे कृषि रोड मैप का लोकार्पण किया. इसके बाद सीएम नीतीश कुमार सहित तमाम सूबे के मंत्री चतुर्थ कृषि रोड को किसानों की समृद्धि का रास्ता बता रहे हैं. तो दूसरी बिहार विधानसभा नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा से लेकर सरकार की सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल से विधायक और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. भारतीय जनता पार्टी नेता विजय कुमार सिन्हा कहते हैं कि चौथा कृषि रोड मैप 12 विभागों के लिए लोक धन लूटने का जरिया है. राज्य की सरकार पहले तीनों कृषि रोड मैप को लेकर श्वेत पत्र जारी करे. वहीं पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा कि बिहार की जनता के बीच अभी पिछले तीन कृषि रोड मैप की लेकर ही शंका है क्योंकि तीनों कृषि रोड मैप ठीक से लागू ही नहीं किया गया. किसानों की आमदनी में कोई बढ़ोतरी ही नहीं हुई है.

बता दें कि देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु अपने तीन दिवसीय दौरे पर बिहार आई हैं. उन्होंने अपने दौरे के पहले दिन 18 अक्टूबर को पटना के बापू सभागार में साल 2023-28 तक के लिए चौथे कृषि रोड मैप का विधिवत लोकार्पण किया. उसके बाद से ही चौथे कृषि रोड मैप को लेकर राजनीतिक गलियारों में बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. 

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रोड मैप लागू होने के बाद भी किसानों की आमदनी में कमी 

किसान तक से बातचीत करते हुए बिहार विधानसभा के प्रतिपक्ष नेता विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि पूर्व के तीनों कृषि रोड मैप योजना विफल साबित हुई है. इसको लेकर सरकार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए. कृषि रोड मैप 2008 से शुरू हुआ. लेकिन अभी भी बिहार के किसान आमदनी में देश के सबसे निचले राज्यों में शामिल हैं. उनके ही सरकार के सहयोगी और पूर्व मंत्री और आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह ने कहा था कि विभाग में सभी चोर हैं. कृषि रोड मैप के तहत कृषि कैबिनेट भी बनाई गई थी. परंतु पिछले कई वर्षों में उसकी बैठक नहीं हुई है. आगे उन्होंने कहा कि सरकार कह रही है कि यह अंतिम रोड मैप है. जब सभी सरकार की योजना कागजों पर ही बनानी है तो बाकी कृषि रोड मैप की तरह इसका भी वहीं हाल होने वाला है. 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा जाएगा सवाल

कृषि रोड मैप के विफल होने के जवाब पर जब किसान तक ने विधायक विजय सिन्हा से पूछा कि इसमें बीजेपी का भी सहयोग रहा है, उस पर उन्होंने कहा कि बीजेपी ने सीएम नीतीश कुमार के कई कार्यों और योजनाओं पर सरकार में रहते हुए विरोध किया है. वहीं नीतीश कुमार सरकार के इंजन हैं, जो भी गलती होगी, उनसे ही पूछा जाएगा. उन्होंने कहा कि गाली नायक को तो गाली भी नायक को ही मिलता है. अगर राज्य की सरकार केंद्र सरकार की योजनाओं को ईमानदारी से लागू कर दे तो किसानों की स्थिति काफी बदल जाती. 

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पूर्व कृषि मंत्री ने रोड मैप को लेकर कही ये बात

राज्य के किसानों के मुद्दे पर हमेशा मुखर रहने वाले बिहार के पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा कि राज्य के किसानों को पुराने तीन कृषि रोड मैप को लेकर शंका बनी हुई है. सरकार ने जितना पैसा खर्च कृषि और किसानों पर किया है, उसके बाद भी राज्य के किसानों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में कोई विशेष बदलाव नहीं आया है. आगे उन्होंने कहा कि सरकार 2005-2012 के बीच जो कृषि के क्षेत्र में विकास की बात कर रही है, उस दौरान सरकार ने कोई राशि ही नहीं खर्च की है. वहीं उन्होंने कहा कि अभी तक मेरे पास चौथे कृषि रोड मैप से जुड़ी पूरी जानकारी नहीं आई है. उसे पढ़ने के बाद अपना पूरा पक्ष रख पाऊंगा. 

 

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