उत्तर प्रदेश के कृषि विकास को बढ़ावा देने और जलवायु अनुकूल फसलों के उत्पादन समेत पूरे एग्री इंफ्रा को मजबूती देने के लिए राज्य सरकार और विश्वबैंक साथ आए हैं. करीब दो माह पहले विश्वबैंक के प्रतिनिधि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले थे, तब राज्य के कृषि क्षेत्र के विकास के लिए यूपी एग्री (UPAGREES) प्रोजेक्ट पर चर्चा हुई थी. बीते माह अक्टूबर के पहले सप्ताह में योगी कैबिनेट ने यूपी एग्री प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है, जिसके बाद अब यूपी के मुख्य सचिव और विश्वबैंक प्रतिनिधियों के बीच इस प्रोजेक्ट को लेकर अगले चरण की चर्चा की गई है. विश्वबैंक के कार्यकारी निदेशक मंडल की ओर से दिसंबर के मध्य तक प्रोजेक्ट की समीक्षा के बाद अनुमोदन मिलने की उम्मीद जताई गई है. इससे दिसंबर में इस प्रोजेक्ट के धरातल पर उतरने की संभावनाओं को पंख लग गए हैं.
उत्तर प्रदेश सरकार के आर्थिक मामलों के विभाग (DEA) और विश्व बैंक ने शुक्रवार को 3,903 करोड़ रुपये की उत्तर प्रदेश कृषि विकास और ग्रामीण उद्यम इकोसिस्टम मजबूतीकरण प्रोजेक्ट (UPAGREES) के लिए चर्चा की. एजेंसी के अनुसार मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की मौजूदगी में नई दिल्ली में यह बातचीत हुई. छह साल की इस परियोजना का उद्देश्य राज्य के कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों को पुनर्जीवित करना, उत्पादकता बढ़ाना और छोटे किसानों को अधिक मूल्य वाली वस्तु समूहों से जोड़ना है.
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने 2030 तक एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हासिल करने के राज्य के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में (UPAGREES) प्रोजेक्ट की अहम भूमिका बताई. उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट अधिक मूल्य वाली फसल समूहों का समर्थन करेगी और राज्य के पूर्वी और बुंदेलखंड क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने के साथ एक मजबूत मत्स्य पालन इकोसिस्टम बनाएगी.
मुख्य सचिव ने कहा कि (UPAGREES) प्रोजेक्ट किसानों को वास्तविक समय की जानकारी देने, संसाधनों को अनुकूल करने, लचीलापन बढ़ाने के साथ ही उत्पादन बढ़ाने में मदद करेगा और इसके लिए एक डिजिटल एग्रीकल्चर मंच भी बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि उत्तर प्रदेश के किसान बड़ी उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं, अगर उन्हें सर्वोत्तम राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय तकनीक से जागरूक कराया जाए. चर्चा के तहत प्रोजेक्ट के प्रमुख कार्यों में जलवायु अनुकूल उत्पादन में बढ़ोत्तरी, वैल्यू एडेड वस्तु समूहों का विकास और राज्य के डिजिटल और फाइनेंशिय इकोसिस्टम को मजबूत करना शामिल है.
उत्तर प्रदेश का जेवर हवाई अड्डा 2025 के मध्य तक चालू होने की उम्मीद है, जिससे स्थानीय उपज के लिए और अधिक निर्यात के अवसर उपलब्ध होंगे. भारत के लिए विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर ऑगस्टे तानो कौमे ने इस पहल के लिए मजबूत समर्थन व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक मंडल की ओर से दिसंबर 2024 के मध्य तक प्रोजेक्ट की समीक्षा और अनुमोदन पर विचार किए जाने की उम्मीद है. ऐसे में दिसंबर 2024 में यूपी एग्री प्रोजेक्ट के लागू होने की संभावना को बल मिल गया है.
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