मिट्टी की जांच कब, क्यों और कैसे करें? बेहद आसान भाषा में समझें

मिट्टी की जांच कब, क्यों और कैसे करें? बेहद आसान भाषा में समझें

मिट्टी के रासायनिक परीक्षण के लिए सबसे पहली चीज खेतों से मिट्टी के सही नमूने लेना है. मिट्टी न केवल एक खेत से दूसरे खेत में अलग-अलग हो सकती है, बल्कि एक ही खेत में अलग-अलग जगहों पर भी मिट्टी अलग-अलग हो सकती है. परीक्षण के लिए खेत से लिया गया मिट्टी का नमूना सही होना चाहिए. गलत मिट्टी का नमूना लेने से भी गलत परिणाम मिलेंगे.

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मिट्टी की जांच कब, क्यों और कैसे करें? बेहद आसान भाषा में समझेंमिट्टी जांच क्यों है जरूरी

मिट्टी की जांच क्यों है जरूरी? ऐसा पूछने के कई कारण हो सकते हैं. यह जांच आमतौर पर कृषि, पर्यावरण और भूमि संरक्षण के क्षेत्र में की जाती है. यह किसानों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे उन्हें अपनी फसलों की उत्पादकता बढ़ाने, उर्वरकों का उचित उपयोग करने और कृषि को सुरक्षित रखने की जानकारी मिलती है. इसी प्रकार, यह पर्यावरण और भूमि संरक्षण में भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमें विभिन्न भूमि के प्रकार, मिट्टी की गुणवत्ता और उसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में जानकारी प्रदान करता है. इस जानकारी के आधार पर हम जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण और विकास की दिशा में बेहतर कदम उठा सकते हैं.

मिट्टी जांच से जुड़ी बातें

मिट्टी के रासायनिक परीक्षण के लिए सबसे पहली चीज खेतों से मिट्टी के सही नमूने लेना है. मिट्टी न केवल एक खेत से दूसरे खेत में अलग-अलग हो सकती है, बल्कि एक ही खेत में अलग-अलग जगहों पर भी मिट्टी अलग-अलग हो सकती है. परीक्षण के लिए खेत से लिया गया मिट्टी का नमूना सही होना चाहिए. गलत मिट्टी का नमूना लेने से भी गलत परिणाम मिलेंगे. खेत की उर्वरता जानने के लिए इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि परीक्षण के लिए लिया गया मिट्टी का नमूना आपके खेत के हर हिस्से का प्रतिनिधित्व करें. अब आइए जानते हैं मिट्टी की जांच कब, क्यों और कैसे करें?

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कब करें मिट्टी की जांच

  • फसल की कटाई हो जाने पर या परिपक्व खड़ी फसल के समय मिट्टी की जांच करना सही माना जाता है.
  • प्रत्येक तीन वर्ष में फसल मौसम शुरू होने से पहले एक बार मिट्टी की जांच करें.
  • भूमि में नमी की मात्रा कम से कम हो तब मिट्टी की जांच करना सही होगा. 

क्यों करें मिट्टी की जांच

  • सघन खेती के कारण खेत की मिट्टी में उत्पन्न विकारों की जानकारी के लिए मिट्टी की जांच जरूरी है.
  • मिट्टी में विभिन्न पोषक तत्वों की उपलब्धता की दशा को जानने के लिए मिट्टी की जांच करवाएं.
  • बोई जाने वाली फसल के लिए पोषक तत्वों की आवश्यकता का अनुमान लगाने के लिए मिट्टी की जांच करवाएं.
  • मिट्टी की जांच करवाने से संतुलित उर्वरक प्रबन्ध द्वारा अधिक लाभ.

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कैसे करें मिट्टी की जांच

  • एक एकड़ क्षेत्र में लगभग 8-10 स्थानों से ‘V’ आकार के 6 इंच गहरे गहरे गढ्ढे बनाएं.
  • एक खेत के सभी स्थानों से प्राप्त मिट्टी को एक साथ मिलाकर ½ किलोग्राम का एक सन्युक्त नमूना बनायें.
  • नमूने की मिट्टी से कंकड़, घास इत्यादि अलग करें.
  • सूखे हुए नमूने को कपड़े की थैली में भरकर कृषक का नाम, पता, खसरा संख्या, मोबाइल नम्बर, आधार संख्या, उगाई जाने वाली फसलों आदि का ब्यौरा दें.
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