उत्तर भारत के कई राज्यों में भीषण गर्मी का कहर जारी है. आसमान से बरस रही आग लोगों के साथ-साथ पशु-पक्षियों के लिए भी परेशानी का सबब बन रही है. बढ़ती गर्मी के कारण लोग अपने घरों से बाहर भी नहीं निकल पा रहे हैं. लोगों के लिए अब बारिश ही एकमात्र सहारा नजर आ रही है. मौसम विभाग ने कई राज्यों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. फिलहाल आपको इस गर्मी से राहत नहीं मिलने वाली है क्योंकि आज से नौ दिनों की भीषण गर्मी यानी नौतपा शुरू हो गया है. नौतपा 25 मई से शुरू होकर 2 जून तक चलेगा. इन नौ दिनों में आसमान से आग बरसेगी. ऐसे में आइए जानते हैं क्या है नौतपा और इसका राज.
नौतपा 24 मई यानी आज से 1 जून तक चलने वाला है. इसका मतलब है कि पूरे 9 दिनों तक सूरज की किरणें सीधे धरती पर पड़ेंगी, जिससे तापमान गर्मी के रिकॉर्ड तोड़ देगा. ज्येष्ठ माह में जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है, तब नौतपा होता है. ऐसे में सूर्य से निकलने वाली तेज किरणों से धरती गर्म होने लगती है.
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शास्त्रों के अनुसार ज्येष्ठ माह में जब भी सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है तो गर्मी बढ़ जाती है. दरअसल, रोहिणी नक्षत्र चंद्रमा का नक्षत्र है और जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है तो चंद्रमा की शीतलता कम हो जाती है. इसके फलस्वरूप 9 दिनों तक भीषण गर्मी पड़ती है. साथ ही इस दौरान सूर्य पृथ्वी के करीब आ जाता है, जिससे पृथ्वी का तापमान भी बढ़ जाता है. 22 जून को ज्येष्ठ माह खत्म होने के बाद गर्मी से राहत मिलेगी. उस समय सूर्य आद्रा नक्षत्र में प्रवेश करेगा और वर्षा की बूँदें पृथ्वी पर गिरने लगेंगी.
नौतपा में सूर्य की गर्मी से पूरी पृथ्वी गर्म हो जाती है. इस दौरान दिन के समय यात्रा करने से बचना चाहिए. नौतपा के दौरान अधिक मिर्च, मसाले और तेल वाली चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके अलावा मांस और शराब के सेवन से भी बचें. नौतपा के दौरान तूफान की आशंका काफी बढ़ जाती है. नौतपा के दौरान बैंगन न खाने की सलाह दी जाती है. इसमें आंधी, तूफान और लू चलने की आशंका ज्यादा है. इसलिए विवाह, मुंडन और अन्य शुभ कार्यों से बचना चाहिए.
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नौतपा के दौरान हल्का भोजन करना चाहिए. इसमें जितना हो सके उतना पानी पीना चाहिए. नौतपा में पक्षियों के लिए मिट्टी के बर्तन में पानी भरकर रखना चाहिए. ऐसा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. इस दौरान राहगीरों को भी पानी पिलाना चाहिए. नौतपा में शिवलिंग पर जल चढ़ाना भी शुभ माना जाता है. इस माह में हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है. कहा जाता है कि ज्येष्ठ माह में ही हनुमान जी की प्रभु श्रीराम से मुलाकात हुई थी.
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