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त्रिपुरा के रानी अनानास और इन 13 फल-सब्ज़ियों का कमाल, GI Tag की लिस्ट में आया नाम

त्रिपुरा के रानी अनानास और इन 13 फल-सब्ज़ियों का कमाल, GI Tag की लिस्ट में आया नाम

जीआई टैग, जिसे भौगोलिक संकेत टैग के रूप में भी जाना जाता है, बौद्धिक संपदा अधिकार का एक रूप है जिसका उपयोग किसी विशिष्ट भौगोलिक स्थान से उत्पन्न होने वाले उत्पादों की पहचान और सुरक्षा के लिए किया जाता है. यह उन उत्पादों को प्रदान किया जाता है जिनमें कुछ अलग और अनोखी विशेषताएं होती हैं जो उनके भौगोलिक मूल के कारण होती हैं.

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त्रिपुरा की रानी अनानास के साथ फलों और सब्जियों को भी जीआई टैग मिला है त्रिपुरा की रानी अनानास के साथ फलों और सब्जियों को भी जीआई टैग मिला है

किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं. इसके पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य यह है कि किसानों को उनकी फसल के अनुसार वाजिब दाम मिल सके. और यह तभी संभव है जब उस फसल को उसकी सही पहचान दी जा सके. ऐसे में सरकार इस दिशा में हर जरूरी काम करती नजर आ रही है, ताकि फसलों को उनकी सही पहचान मिले. सरकार फसलों या उत्पादों को उनकी योग्यता के आधार पर जीआई टैग देती है ताकि उस फसल या उत्पाद को न केवल उस क्षेत्र में बल्कि देश के साथ-साथ विदेशों में भी अपनी पहचान मिल सके.

जीआई टैग की मदद से फसलों को बढ़ावा मिलता है और इसका सीधा असर किसानों की आय पर देखने को मिलता है. ऐसे में हाल ही में सरकार ने त्रिपुरा की रानी अनानास समेत पूर्वोत्तर में उगाए जाने वाले 13 फलों और सब्जियों को जीआई टैग दिया है. आपको बता दें कि केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के तहत पूर्वोत्तर क्षेत्रीय कृषि विपणन निगम (एनईआरएएमएसी) की इस ऐतिहासिक पहल के तहत पूर्वोत्तर के 800 किसानों को जीआई टैग के इस्तेमाल के लिए अधिकृत किया गया है.

इन फसलों को मिला GI Tag

त्रिपुरा की रानी अनानास के अलावा जिन अन्य कृषि उत्पादों को जीआई टैग मिला है उनमें अरुणाचल का संतरा, मिजो मिर्च, कचाई नींबू, खासी मंदारिन, तेजपुर लीची, सिक्किम की बड़ी इलायची, कार्बी आंगलोंग की अदरक, नागा ट्री टोमैटो, 'चक-हाओ' ब्लैक राइस, मेमांग नारंग, डल्ले खुर्सानी और नागा मीठी ककड़ी शामिल हैं. ऐसे में अब इन कृषि फलों की मांग ना सिर्फ त्रिपुरा में बल्कि देश के साथ विदेशों में भी बढ़ गई है. जिसकी मदद से किसानों को अच्छी आय मिल मिलेगी.

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क्या है GI Tag और इसका महत्व

जीआई टैग, जिसे भौगोलिक संकेत टैग के रूप में भी जाना जाता है, बौद्धिक संपदा अधिकार का एक रूप है जिसका उपयोग किसी विशिष्ट भौगोलिक स्थान से उत्पन्न होने वाले उत्पादों की पहचान और सुरक्षा के लिए किया जाता है. यह उन उत्पादों को प्रदान किया जाता है जिनमें कुछ अलग और अनोखी विशेषताएं होती हैं जो उनके भौगोलिक मूल के कारण होती हैं. जीआई टैग उन उत्पादों की पहचान करने में मदद करता है जिनकी एक विशिष्ट भौगोलिक उत्पत्ति होती है और उस क्षेत्र से जुड़े अद्वितीय गुण या विशेषताएं होती हैं.

यह उपभोक्ताओं को नकली या अन्य क्षेत्रों से उत्पन्न होने वाले समान उत्पादों से वास्तविक उत्पादों को अलग करने की अनुमति देता है. साथ ही जीआई टैग उपभोक्ताओं को आश्वस्त करता है कि उनके द्वारा खरीदे गए उत्पाद वास्तविक हैं और भौगोलिक क्षेत्र से जुड़े कुछ विशिष्ट मानकों या उत्पादन के पारंपरिक तरीकों को पूरा करते हैं. यह गुणवत्ता और प्रामाणिकता के निशान के रूप में कार्य करता है.