भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के लिए भी कुछ नियम बनाए गए हैं. इसके अलावा ध्वज फहराने के बाद तिरंगे को पूरे सम्मान के साथ मोड़ने और रखने के भी नियम हैं. राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े इन नियमों का पालन सभी को करना चाहिए. भारतीय संविधान में बताए गए मौलिक कर्तव्यों में भी भारतीय ध्वज के सम्मान की बात कही गई है. संविधान के अनुच्छेद 51 ए (ए) के अनुसार भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह संविधान का पालन करे और उसके आदर्शों व संस्थाओं, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का सम्मान करे. जैसा की आपको पता है 15 अगस्त नजदीक आ रहा है. इस दिन पूरे देश में बड़े गर्व और उत्साह के साथ राष्ट्रीय ध्वज को फहराया जाएगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि राष्ट्रीय ध्वज फहराने का सही समय और सही तरीका होता है. आइए जानते हैं राष्ट्रीय ध्वज को फहराने से जुड़ी सभी जानकारी के बारे में विस्तार से.
भारतीय झंडा संहिता 2002 के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति अपने घर में तिरंगा फहराना चाहता है, तो वह पूरे दिन और रात फहरा सकता है. पहले, तिरंगा सिर्फ़ सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही फहराया जा सकता था. हालांकि, केंद्र सरकार ने फ़्लैग कोड 2002 के कुछ नियमों में बदलाव करके अब इसे दिन और रात, दोनों समय फहराने की अनुमति दे दी है.
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भारतीय ध्वज संहिता, 2002 में 30 दिसंबर 2021 के आदेश के अनुसार संशोधन किया गया है और पॉलिएस्टर या मशीन से बने राष्ट्रीय ध्वज की अनुमति दी गई है. अब राष्ट्रीय ध्वज चाहे हाथ से बनाया गया हो, हाथ से बुना गया हो या मशीन से बना हो, वह कपास/पॉलिएस्टर/ऊनी/रेशम/खादी का होगा.
राष्ट्रीय ध्वज, तिरंगे में तीन रंगों की पट्टियां समान अनुपात में होती हैं. सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफ़ेद और सबसे नीचे हरा रंग. ध्वज की लंबाई-चौड़ाई का अनुपात 3:2 है. सफ़ेद पट्टी के बीच में एक नीला गोल चक्र होता है. भारतीय ध्वज संहिता के पैराग्राफ 1.3 और 1.4 के अनुसार राष्ट्रीय ध्वज आकार में आयताकार होना चाहिए.
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तिरंगा फहराते समय ध्यान रखें कि वह गीला न हो और न ही किसी तरह से फटा हुआ हो. केसरिया रंग हमेशा सबसे ऊपर, सफेद बीच में और हरा रंग सबसे नीचे होना चाहिए. झंडा फटा हुआ नहीं होना चाहिए. तभी आप इसे फहरा सकते हैं.
राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम, 1971 की धारा 2 के स्पष्टीकरण 4 के अनुसार इन नियमों का पालन किया जाना चाहिए. राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल निजी निजी अंतिम संस्कार के लिए मृत शरीर को लपेटने या किसी भी तरह की वस्तुओं को लपेटने के लिए नहीं किया जाएगा. राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल किसी व्यक्ति द्वारा कमर से नीचे पहनी जाने वाली किसी पोशाक या वर्दी या परिधान के हिस्से को दर्शाने के लिए नहीं किया जाएगा और न ही इसे कुशन, रूमाल, नैपकिन, अंडरगारमेंट या किसी भी कपड़े पर कढ़ाई या प्रिंट किया जाएगा. राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल वस्तुओं को लपेटने, या उसमें किसी चीज को लपेटकर वितरित करने के लिए नहीं किया जाएगा. राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल किसी वाहन के किनारे, पीछे या ऊपर को ढकने के लिए नहीं किया जाएगा.
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