सरकार युवाओं को रोजगार दिलाने या महिलाओं के उत्थान के लिए कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम जैसी कई योजनाएं लाती रहती है. ऐसे में लोगों को फंसाने के लिए सोशल मीडिया पर केंद्र या राज्य सरकार के नाम पर सरकारी नौकरियों और फर्जी योजनाओं का भी प्रचार किया जाता है. इसके लिए वेबसाइटों पर बाकायदा एप्लीकेशन विंडो होती है, जिसका मकसद एप्लीकेशन फीस के जरिए पैसे ठगना होता है. एक बार फिर ऐसा ही मामला सामने आया है. दरअसल, सोशल मीडिया पर एक प्लान तेजी से घूम रहा है. जिसमें दावा किया जा रहा है कि भारत सरकार का सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय युवाओं को उद्यमिता के लिए ऋण, प्रशिक्षण और रोजगार उपलब्ध कराने के लिए वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करवा रहा है.
भारत सरकार की एजेंसी पीआईबी ने इस वायरल स्कीम की फैक्ट चेक रिपोर्ट अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर की है. एजेंसी ने अपने ट्वीट में कहा, 'वेबसाइट जो युवाओं को उद्यमिता के लिए ऋण, प्रशिक्षण और रोजगार प्रदान करने के लिए पंजीकरण प्रदान कर रही है. वह पूरी तरह से फर्जी है. वेबसाइट सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय से संबंधित नहीं है.
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कुल मिलाकर ऐसी गलत वेबसाइटों को वायरल करने के पीछे ऑनलाइन जालसाजों का मुख्य उद्देश्य लोगों से आवेदन शुल्क जमा कराकर पैसे ऐंठना है. ऐसे में यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप ऐसी फर्जी वेबसाइटों की सत्यता जाने बिना उन पर आवेदन न करें, अन्यथा आप बड़ी धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं.
यह वेबसाइट युवाओं को उद्यमिता हेतु ऋण देने, प्रशिक्षण एवं रोजगार प्रदान करने के लिए पंजीकरण करवा रही है। #PIBFactcheck
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) November 8, 2023
➡️यह वेबसाइट पूर्णतः फेक है।
➡️वेबसाइट सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय से संबंधित नहीं है।
आधिकारिक वेबसाइट - https://t.co/RRzvnonKTn pic.twitter.com/7G3W6dynh9
अगर आपके पास भी ऐसा कोई मैसेज आता है तो आप उसकी सच्चाई जानने के लिए पीआईबी के जरिए फैक्ट चेक करा सकते हैं. इसके लिए आपको पीआईबी की आधिकारिक वेबसाइट https://factcheck.pib.gov.in/ पर जाना होगा. इसके अलावा आप व्हाट्सएप नंबर +918799711259 या ईमेल आईडी pibfactcheck@gmail.com पर मैसेज या वीडियो भेजकर भी फैक्ट चेक कर सकते हैं.
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