Rajasthan Assembly Elections 2023: आचार संहिता उल्लंघन की 14 हजार शिकायतें मिली 

Rajasthan Assembly Elections 2023: आचार संहिता उल्लंघन की 14 हजार शिकायतें मिली 

इस बार निर्वाचन विभाग ने आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों के लिए सी-विजिल एप डेवलप किया है. इसके तहत मिली शिकायतों को 100 मिनट के अंदर निपटाया जा रहा है. सी-विजिल एप के माध्यम से आज की स्थिति में कुल 14,346 शिकायतें प्राप्त हुई हैं.

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Rajasthan Assembly Elections 2023: आचार संहिता उल्लंघन की 14 हजार शिकायतें मिली आचार संहिता उल्लंघन की 14 हजार शिकायतें मिली.

राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में अब तक आचार संहिता उल्लंघन की 14 हजार से अधिक शिकायतें मिल चुकी हैं. यह शिकायतें सी-विजिल एप के माध्यम से मिली हैं. इस बार निर्वाचन विभाग ने आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों के लिए सी-विजिल एप डेवलप किया है. इसके तहत मिली शिकायतों को 100 मिनट के अंदर निपटाया जा रहा है. सी-विजिल एप के माध्यम से आज की स्थिति में कुल 14,346 शिकायतें प्राप्त हुई हैं. इनमें से 5,232 शिकायतें सही पाई गई हैं. इन शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है. शेष रही 26 शिकायतों पर जांच और निर्णय की कार्रवाई की जा रही है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि आचार संहिता की पालना सुनिश्चित कराने के लिए निर्वाचन विभाग के स्तर पर हर मुमकिन प्रयास किए जा रहे हैं.

सी-विजिल एप के माध्यम से निगरानी के काम में नागरिकों की सहभागिता भी बढ़ी है. उन्होंने बताया कि आम नागरिक मौके से शिकायतों के फोटो एवं वीडियो आदि साक्ष्य भेजकर सी-विजिल एप्लीकेशन के माध्यम से शिकायत कर सकते हैं.

कैसे काम करता है सी-विजिल

'सी-विजिल' किसी भी व्यक्ति को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की रिपोर्ट करने के लिए काम में आ रहा है. सौ मिनट की समय सीमा में अधिकारी मिली शिकायतों का निस्तारण करते हैं. इस एप की सबसे खास बात यह है कि शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जाने का भी विकल्प है. कोई भी व्यक्ति एन्ड्रॉयड आधारित 'सी-विजिल' एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकता है. 

इधर, प्रदेशभर में ईवीएम मशीनों की कमिशनिंग शुरू

भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार प्रत्याशियों और उनके प्रतिनिधियों की मौजूदगी में प्रदेश भर में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन एवं वीवीपीएटी की कमिशनिंग की शुरूआत हुई. इस दौरान पहली बार प्रत्याशियों या उनके प्रतिनिधियों ने सिंबल लोडिंग की प्रक्रिया टीवी मॉनिटर के माध्यम से देखी. विधानसभा चुनाव-2023 में पहली बार अभ्यर्थी या उनके प्रतिनिधि को ये सुविधा मिली है. 

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मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि एम-3 ईवीएम बीयू, सीयू एवं वीवी पेट मशीनों की कमिशनिंग का काम राज्य के सभी जिलों में शुरू हुआ है. इसके लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड बैंगलूरु के इंजीनियर सभी जिलों में जाकर प्रत्याशियों या उनके प्रतिनिधि एवं रिटर्निंग अधिकारी की उपस्थिति में कमिश्निंग का कार्य पूरा कर रहे हैं. 

गुप्ता ने बताया कि चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की सूची को अंतिम रूप देने के बाद ईवीएम एवं वीवीपीएटी की कमिशनिंग की जाती है. कमिशनिंग के दौरान भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड बेंगलुरु के इंजीनियरों की ओर से सिंबल लोडिंग, बैलेट सेटिंग, मॉक पोल, मशीनों की सीलिंग इत्यादि की प्रक्रिया अपनाई जाती है. 

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कमिशनिंग हॉल में लगाए गए टीवी मॉनिटर के माध्यम से अभ्यर्थी या उनके अभिकर्ता वीवीपीएटी में सिंबल (चुनाव चिन्ह) लोडिंग की प्रक्रिया को देख सकते हैं. कमिश्निंग के बाद प्रत्येक ईवीएम और वीवीपीएटी में नोटा (NOTA) सहित प्रत्येक उम्मीदवार के लिए एक वोट देकर मॉक पोल किया जाता है. इसके अतिरिक्त रेंडम रूप से चुने गए पांच प्रतिशत ईवीएम एवं वीवीपीएटी पर 1000 वोट डालकर मॉक पोल किया जाता है. इनके इलेक्ट्रॉनिक परिणाम का मिलान भी वीवीपीएटी के पेपर स्लिप से किया जाता है.
 

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