बेशक अपनी पब्लिक और प्राइवेट मीटिंग में पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह सत्ता पक्ष के लिए कुछ भी बोलते हों, लेकिन जरूरत पड़ने पर दोनों एक-दूसरे की मदद करने या बात मानने से पीछे नहीं रहते थे. ऐसे एक नहीं कई किस्से आज भी दिल्ली के गलियारों में सुने और सुनाए जाते हैं. वैसे तो चरण सिंह और राजीव गांधी से जुड़े कई किस्से हैं. लेकिन कुछ ऐसे किस्से हैं जो आज भी सभी राजनीतिक दलों के बीच चर्चा में रहते हैं. ऐसा ही एक किस्सा चरण सिंह के लिए चार्टर्ड प्लेन भेजने का था. पीएम रहते हुए राजीव गांधी ने चरण सिंह के साथ ही उनके परिवार के लिए प्लेन भेज दिया था.
चौधरी चरण सिंह परिवारवाद, जातिवाद के घोर खिलाफ थे. परिवारवाद के विरोध में वो अपने बेटे अजित सिंह पर भी तंज करने से पीछे नहीं रहते थे. जातिवाद का विरोध करने के चलते उन्हें पढ़ाई के दौरान मेस में एक महीने का बहिष्कार झेलना पड़ा था. लेकिन अपने विचार और उसूलों पर कायम रहने वाले थे. जो कह देते थे उसे पूरा करके ही मानते थे.
चरण सिंह के करीबी रहे और आज एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर डॉ. केएस राना बताते हैं कि साल 1985 में चरण सिंह को हॉर्ट अटैक आया था. उनके दामाद अमेरिका के एक अस्पताल में डॉक्टर थे. उन्होंने चौधरी साहब को अमेरिका लाने की सलाह दी. लेकिन ऐसी हालत में उन्हें अमेरिका कैसे ले जाएं. इसके लिए एयर एम्बूलेंस की जरूरत होती है. चॉर्टर्ड प्लेन का इंतजाम करना उनके परिवार के लिए मुमिकन नहीं था. ऐसे में यह बात उस वक्त पीएम राजीव गांधी के पास तक पहुंच गई. उन्होंने फौरन ही चॉर्टर्ड प्लेन का इंतजाम करा दिया. उसी प्लेन से चौधरी साहब और उनके परिवार को अमेरिका भेजा गया. और इस तरह से उन्हें वक्त पर इलाज मिल गया.
डॉ. राना बताते हैं कि चौधरी साहब ने हमेशा से परिवारवाद को लेकर पंडित जवाहरलाल नेहरू का विरोध किया. इंदिरा गांधी का भी विरोध किया. किसानों के सामने वो किसी को भी नहीं बख्ते थे. जब तब मौका मिलते ही राजीव गांधी पर भी तंज कस देते थे. कहते थे कि विदेश से पढ़कर आया और हवाई जहाज उड़ाने वाला क्या देश चलाएगा. इतना ही नहीं विदेश से पढ़कर और नौकरी कर लौटे अपने बेटे को भी नहीं छोड़ते थे. लेकिन इस सब के बावजूद गांधी परिवार से उनके संबंध अच्छे थे. यही वजह थी कि राजीव गांधी भी उन्हें पूरा सम्माान देते थे. जवाहरलाल नेहरू के दोस्त होने के चलते राजीव उन्हें नाना कहते थे. बैठकों के दौरान उनके पैर छूते थे.
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