पितृ पक्ष में तुलसी पौधे से जुड़ी ये गलतियां पड़ सकती हैं भारी, रूठ जाएंगे पितर, जान लें उपाय

पितृ पक्ष में तुलसी पौधे से जुड़ी ये गलतियां पड़ सकती हैं भारी, रूठ जाएंगे पितर, जान लें उपाय

हिंदू धर्म में पूर्वजों की शांति और मुक्ति के लिए पितृपक्ष में श्राद्ध और तर्पण किया जाता है. ऐसा करने से परिवार में सुख, शांति और समृद्धि बढ़ती है. मान्‍यता के अनुसार, इसी क्रम में तुलसी से जुड़े कुछ उपाय भी किए जाते हैं. ऐसे में इन्‍हें करने से पहले कई बातें ऐसी होती हैं, जिन्‍हें जान लेना बहुत जरूरी है.

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पितृ पक्ष में तुलसी पौधे से जुड़ी ये गलतियां पड़ सकती हैं भारी, रूठ जाएंगे पितर, जान लें उपायपितृ पक्ष में तुलसी को लेकर बरतें सावधानियां. (सांकेतिक तस्‍वीर)

वैदिक मान्‍यता के अनुसार, भारत में हर साल हिंदू धर्मावलंबी पितृ पक्ष मनाते है. इस बार पितृ पक्ष 17 सितंबर से शुरू होकर 2 अक्‍टूबर को समाप्‍त होंगे. मान्‍यता के अनुसार, इन दिनों में लोग अपने पितरों का श्राद्ध और तर्पण करते हैं, जिससे उनकी आत्‍मा को शांति और मुक्ति मिलती है. वहीं, ये क्रियाएं करने से परिवार में सुख, शांत‍ि और समृद्धि बनी रहती है. ऐसे में आज हम आपको पितृ पक्ष में तुलसी से जुड़े कुछ नियम, उपाय और सावधानि‍यां बताने जा रहे हैं. 

कई दोषों से मिलती है मुक्ति

हिंदू धर्मग्रन्‍थों में तुलसी के पौधे को बेहद ही पवित्र माना गया है. कहा जाता है कि इसके पौधे में धन की देवी मां लक्ष्‍मी का वास होता है. तुलसी को विष्‍णुप्र‍िया और हरप्रि‍या भी कहा जाता है. लोग पितृ दोष और अन्‍य दोषों के निवारण के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं. मान्‍यता के अनुसार, प‍ितृ पक्ष में तुलसी की पूजा करने से कई प्रकार के दोषों का निवारण होता है. पितृपक्ष में पितरों को यादकर उनकी शांति के लिए प्रार्थना की जाती है.

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तुलसी को छूते समय बरतें सावधानी

इस दौरान पूजा-पाठ और अनुष्‍ठान किए जाते हैं. इस दौरान अगर तुलसी से जुड़ी कोई पूजा कर रहे है तों कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए. पितृपक्ष में तुलसी को बेवजह नहीं छूना चाहिए. अगर छूने की जरूरत पड़ रही हो तो स्‍वच्‍छता और पवित्रता का ध्‍यान रखना बेहद जरूरी है, क्‍योंकि इसे शास्‍त्रों में पवित्र माना गया है.

वहीं, पितृपक्ष में तुलसी पूजा नहीं करने से भी प‍ितरों को दुख पहुंचता है. इस अवधि के दौरान तुलसी पूजा करने वाले को श्राद्ध और तर्पण से जुड़ा कार्य नहीं कराना चाहिए. पितृपक्ष में तुलसी की माला पहनना, तुलसी के पत्‍ते दान करने और पौधे की देखभाल करने से लाभ होता है. 

इस बार चतुर्दशी और पूर्ण‍िमा साथ

हिंदू पंचाग के अनुसार, पि‍तृ पक्ष भाद्रपद महीने के पूर्ण‍िमा तिथ‍ि से ही शुरू हो जाते हैं, जो आश्विन महीने की अमावस्‍या को समाप्‍त होते हैं. लेकिन, इस बार भाद्रपद में अनंत चतुर्दशी यानी गणेश विसर्जन का दिन और पूर्णि‍मा एक ही तिथि‍ को पड़ रहे हैं. पितृ पक्ष को लेकर मान्‍यताओं के आधार पर कई प्रकार के नियम होते है, जिनका लोग पालन करते हैं. वहीं, माना जाता है कि इन नियमों को तोड़ने पर प‍ितर नाराज होते हैं, जिसके चलते परिवार के सदस्‍यों को नुकसान हो सकता है. 

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