राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में रोजाना बड़े बदलाव हो रहे हैं. घोषणापत्र में फसलों पर एमएसपी गारंटी कानून बनाने के वादे के बाद किसान महापंचायत ने कांग्रेस को समर्थन देने की बात कही है. बुधवार को किसान महापंचायत ने प्रेस कांफ्रेस कर कांग्रेस को समर्थन दिया है. इस दौरान किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने का वादा देश की राजनीति और किसानों के लिए बेहद जरूरी है. किसान आंदोलन के बाद हमारी सबसे बड़ी मांग भी यही थी कि एमएसपी खरीद की गारंटी का कानून बनाया जाए. जाट ने कहा कि इससे देश की राजनीति किसान केंद्रित बनेगी और अर्थव्यवस्था की दिशा बदलेगी. स्वतंत्रता के बाद कृषि एवं किसान की उपेक्षा बीते दिनों की बात हो जाएगी.
रामपाल जाट ने कहा कि जिस अनुपात में राजनीतिक दल किसानों का सहयोग करेंगे, उसी अनुपात में किसान उस राजनीतिक दल का सहयोग करेंगे. वर्तमान में दोनों सत्तारूढ़ दलों में से भाजपा ने तो न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी के कानून का उल्लेख तक नहीं किया , जबकि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में स्पष्ट के साथ प्रतिबद्धता व्यक्त की है.
घोषणा पत्र में भाजपा ने शीर्षक में तो खुशहाल किसान एवं किसान कल्याण को प्राथमिकता दी है, लेकिन खेत को पानी और फसल को दाम दिलाने की दिशा में प्रभावी घोषणा नहीं की. हालांकि बीजेपी ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं के खरीद के लिए ₹2700 प्रति क्विंटल दाम देने, बाजरा एवं ज्वार की खरीद आरंभ करने, मूंग उड़द चना जैसी दलहन उपज की खरीद का लक्ष्य दोगुना करने और अगले पांच वर्षों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की मात्रा का लक्ष्य तीन गुना करने को उल्लेख किया है.
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जाट जोड़ते हैं कि बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में ईआरसीपी को समयबद्ध तरीके से केन्द्र के सहयोग से पूरा करने की बात कही है. लेकिन नई परियोजना में राजस्थान को मिलने वाले पानी की वास्तविक मात्रा 1773 मिलियन घन मीटर रह जाएगी. जबकि पीने के पानी की आवश्यकता 2391 मिलियन घन मीटर की है.
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साथ ही नया सिंचित क्षेत्र और 26 से अधिक बांधों को लबालब कर फिर से सिंचाई शुरू करने की स्थिति ही नहीं रहेगी. इससे तो मूल परियोजना में मिलने वाले पानी की मात्रा 3510 मिलियन घन मीटर का सपना ध्वस्त हो जाएगा.
इसलिए केंद्र के सहयोग की चर्चा की हुई है. वहीं कांग्रेस के घोषणा पत्र में मूल परियोजना के कार्य के लिए विस्तृत योजना बनाने का उल्लेख किया हुआ है. इसी से खेत को पानी की आशा पूरी होगी. इससे तो स्पष्ट है की डबल इंजन की सरकार होती तो इसका मूल स्वरूप समाप्त हो गया होता.
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