Explainer: EL Nino का असर...फिर भी देश के कई राज्‍यों में प्रचंड ठंड,  क्‍या है वजह  

Explainer: EL Nino का असर...फिर भी देश के कई राज्‍यों में प्रचंड ठंड,  क्‍या है वजह  

ठंड का ये प्रचंड रूप दिखाई दे रहा है, जब दुनियाभर की मौसम एजेंसियां साल 2023-24 को अल नीनो साल कह चुकी हैं और ये ही एजेंसियां पहले ही कह चुकी थी कि अल नीनो की वजह से इस साल ठंड कम पड़ेगी. क्‍योंकि अल नीनो का सीधा मतलब तापमान के गर्म होने से है, लेकिन इसके बाद भी जनवरी 2024 के शुरुआती 10 दिनों में जिस तरीके की ठंड पड़ी है, उससे इस तरह के सवाल पैदा हो रहे हैं कि क्‍या अल नीनो का प्रभाव खत्‍म हो चुका है.

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Explainer: EL Nino का असर...फिर भी देश के कई राज्‍यों में प्रचंड ठंड,  क्‍या है वजह   

दिसंबर 2023 में अल नीनो का असर दिखाई दिया था. नतीजतन, देश के कई राज्‍यों में दिसंबर के आखिरी सप्‍ताह में भी ठंड ने आधिकारिक रूप से दस्‍तक नहीं दी थी, लेकिन साल 2023 की विदाई और साल 2024 का स्‍वागत ठंड के साथ हुआ. मसलन देश के कई राज्‍यों में जनवरी 2024 के पहले 10 दिन भीषण ठंड महसूस की गई है.

ठंड का ये प्रचंड रूप दिखाई दे रहा है, जब दुनियाभर की मौसम एजेंसियां साल 2023-24 को अल नीनो साल कह चुकी हैं और ये ही एजेंसियां पहले ही कह चुकी थी कि अल नीनो की वजह से इस साल ठंड कम पड़ेगी. क्‍योंकि अल नीनो का सीधा मतलब तापमान के गर्म रहने से है, लेकिन इसके बाद भी जनवरी 2024 के शुरुआती 10 दिनों में जिस तरीके की ठंड पड़ी है, उससे इस तरह के सवाल पैदा हो रहे हैं कि क्‍या अल नीनो का प्रभाव खत्‍म हो चुका है.

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क्‍या अल नीनो को लेकर जो दावे किए गए थे, वह गलत साबित हो गए. अल नीनो का प्रभाव है तो प्रचंड ठंड क्‍यों और कैसे पड़ी. कब तक ये ठंड अपना असर दिखाएगी. आने वाले दिनों में अल नीनो का प्रभाव कैसा हो सकता है...इन सभी सवालों के जवाब किसान तक ने तलाशाने की कोशिश की है. आइए जानते हैं कि EL Nino का असर होने के बाद भी देश के कई राज्‍यों में प्रचंड ठंड क्‍यों पड़ रही है.

सबसे पहले... अल नीनो के असर पर बात

उत्‍तर भारत के कई राज्‍यों में पड़ रही भीषण ठंड को देखकर ऐसा लगता है कि अल नीनो के प्रभाव को लेकर जो दावे किए गए थे, वह झूठे साबित हुए हैं, लेकिन ये सच नहीं लगता है. असल में अगस्‍त में अल नीनो की वजह से भारत में अगस्‍त 2023 का महीना 100 साल में सबसे सूखा रहा था. इसी तरह अक्‍टूबर से लेकर दिसंबर तक सामान्‍य से कम बारिश दर्ज की गई है. वहीं जनवरी 2024 में भी देश में अल नीनो का असर दिखाई दे रहा है.बेशक जनवरी के महीने देश के कई राज्‍यों में भीषण ठंड पड़ रही है, लेकिन इसके बाद भी अल नीनो के असर को नकारा नहीं जा सकता है. इन दो पॉइंट में अल नीनो के प्रभाव को समझा जा सकता है.

  1. देश के हिमालयी राज्‍यों में सूखा पड़ा हुआ है. कई दिनों से बारिश नहीं हो रही है तो वहीं इस साल बर्फ भी नहीं गिरी है. जबकि हिमालयी राज्‍यों में इस समय बारिश के साथ ही बर्फ गिरने का समय है. अल नीनो की वजह से हिमालयी राज्‍यों के मौसम में ये बदलाव देखने को मिल रहा है. इसी तरह अल नीनो की वजह से बिहार में अभी भी ठंड ने दस्‍तक नहीं दी है.
  2. देश के उत्‍तरी राज्‍यों में जनवरी के शुरुआती दिनों में भीषण ठंड दर्ज की गई है, लेकिन रात के तापमान यानी न्‍यूनतम तापमान सामान्‍य से अधिक है. यानी ठंड के समय जो रातें ठंड हो जाती थी, वह अल नीनो की वजह से नहीं हो रही हैं. रात का तापमान अभी भी सामान्‍य से ज्‍यादा दर्ज किया जा रहा है.   

अब ठंड की वजह जानते हैं 

अल नीनो के असर के बाद भी प्रचंड ठंड की वजह जानने के लिए हमने कई मौसम वैज्ञानिकों से बात की. जनवरी की प्रचंड ठंड की वजह बताते हुए जीबी पंत कृषि व प्रौद्योगिकी विश्‍वविद्यालय के कृषि मौसम वैज्ञानिक डाॅ आरके सिंह कहते हैं कि ये सूखी ठंड है. बारिश नहीं हो रही है. सूर्य की रोशनी जमीन में नहीं पहुंच रही है. इस वजह ये भीषण ठंड पड़ रही है.

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वहीं प्रचंड ठंड को लेकर IMD के वरिष्‍ठ वैज्ञानिक डॉ नरेश कुमार कहते हैं कि सक्रिय पश्‍चिमी विक्षोभ नहीं बनने की वजह से इस तरह के हालात बन रहे हैं. वह कहते हैं कि अगर सक्रिय पश्‍चिमी विक्षोभ आते तो बारिश होती, तापमान में बदलाव होता. इस वजह से ठंड तो पड़ती, लेकिन इस तरह की ठंड नहीं पड़ती. वह कहते हैं कि दिन ठंड हुए हैं और रात के तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है, जो ठंड का मुख्‍य कारण है. 

इस वजह से दिन में बढ़ी ठंड, इस कारण सूर्य की रोशनी गायब हुई

हम पहले ही बता चुके हैं कि रात का तापमान सामान्‍य से ज्‍यादा है,जबकि दिन के तापमान में गिरावट हुई है. ये ही कारण जनवरी की इस प्रचंड ठंड का मुख्‍य कारण है. दिन और रात के तापमान के उदाहरण को समझें तो 10 जनवरी तक दिल्‍ली के न्‍यूनतम तापमान 6.9 डिग्री को सामान्‍य माना जाता है, लेकिन इस साल इन 10 दिनों में सिर्फ एक दिन यानी 8 जनवरी को ही न्‍यूनतम तापमान 5 डिग्री के पास रहा है,जबकि बाकी 9 दिनों में तापमान 7 से 10 डिग्री तक रहता है.

इसी तरह 10 जनवरी तक 19 डिग्री तक अधिकतम तापमान को सामान्‍य माना जाता है, लेकिन इन 10 दिनों में अभी तक एक भी दिन तापमान इससे अधिक नहीं रहा है, लेकिन इन 10 दिनों में 5 जनवरी को 12 डिग्री तक भी तापमान दर्ज किया गया है. ये उदाहरण बताने के लिए काफी हैं कि दिन में बढ़ी ठंडक प्रचंड ठंड का कारण बनी हुई है.

दिन में बढ़ी ठंड का कारण बताते हुए प्राइवेट मौसम एजेंसी स्‍काईमैट के वरिष्‍ठ वैज्ञानिक महेश पलावत कहते हैं कि वायुमंडल में कोहरे की चादर लिपटी हुई है. इस वजह से दिन में सूर्य की रोशनी जमीन में नहीं पहुंच पा रही है. इस कारण कोल्‍ड डे के हालात बने हुए हैं. वह बताते हैं कि कोहरे ने ये कोल्‍ड के हालात बने हुए हैं और रात का अधिक तापमान कोहरे का मुख्‍य कारण है.

वह कहते हैं कि न्‍यूनतम तापमान अधिक है, नमी ज्‍यादा है. हवा का बहाव कम है. इस वजह से कोहरा बन रहा है और सूर्य की रोशनी नीचे नहीं पहुंच पाई, जो ठंड कारण बनी है.

EL Nino की वजह से सक्रिय पश्‍चिमी विक्षोभ नहीं!

ठंड का ये प्रचंड सक्रिय पश्‍चिमी विक्षोभ की वजह से है. असल में अल नीनो की वजह से सक्रिय पश्‍चिमी विक्षोभ नहीं आ रहे हैं. ये बातें पहले से ही मौसम वैज्ञानिक कह चुके थे. इस वजह से सूखी ठंड पड़ रही है. 

गुरुवार से थोड़ा राहत

प्रचंड ठंड का कहर झेल रहे लोगों को गुरुवार से राहत मिल सकती है. मौसम विभाग की तरफ से जारी पूर्वानुमान के अनुसार गुरुवार से कोल्‍ड डे से थोड़ा राहत मिल सकती है. मसलन, धूप खिलेगी, लेकिन अभी अगले 4 से 5 दिनों तक सुबह के समय कोहरा छाया रहेगा. 

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