राजस्थान में विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. ऐसे में हर पार्टी अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर रही है. भारतीय जनता पार्टी 41 उम्मीदवारों की एक सूची जारी कर चुकी है. वहीं, कांग्रेस की पहली सूची जल्द ही आने वाली है. लेकिन इन चुनावों में किसान भी पीछे नहीं हैं. न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून को लेकर किसान भी चुनावी अखाड़े में दांव-पेंच लगाने के लिए उतर रहे हैं. ऐसा ही एक किसान पाली जिले की सोजत विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए उतरा है. जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर किसान रामेश्वर गर्ग पर चुनाव लड़ने के लिए खड़े हो रहे हैं. गर्ग कहते हैं कि अगर वे जीतते हैं तो एमएसपी गारंटी कानून का प्रस्ताव लेकर आएंगे.
दुनियाभर में मेहंदी की महक के लिए पाली जिले का सोजत शहर प्रसिद्ध है. यहां की मेहंदी दुनियाभर में सप्लाई की जाती है. गर्ग कहते हैं कि देश की खुशहाली के लिए किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी के कानून बनना बेहद जरूरी है. इसीलिए मैंने चुनाव लड़ने का निश्चय किया है. विधानसभा सोजत में किसानों ने अबकी बार-एमएसपी सरकार के नारे लगाए. किसानों का बड़ा जत्था उपखंड अधिकारी के कार्यालय के सामने इकठ्ठे हुए.
सभा में मुख्य अतिथि के रूप में किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट भी मौजूद थे. उन्होंने कहा कि देश के किसानों की खुशहाली के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी के कानून बनाया जाना बेहद जरूरी है. इसीलिए इस बार किसानों ने अबकी बार-एमएसपी सरकार का नारा दिया है.
ये भी पढे़ं- PM Kisan पर बड़ी खबर, सरकार बढ़ा सकती है एक किस्त, किसानों के खाते में आएंगे 8000 रुपये!
उन्होंने कहा कि सरकारों से किसानों की अपील है कि वे सभी प्रकार के प्रतिबंध खत्म कर मूंग, उड़द, अरहर, मसूर, चना, कुसुम, मूंगफली, सरसों, सोयाबीन, तिल, रामतिल, सूरजमुखी की दाने-दाने की खरीद की घोषणा करें. साथ ही अपने उम्मीदवारों से भी यह घोषणाएं करवाएं. क्योंकि कृषि प्रधान भारत की समृद्धि का रास्ता खेत और खलिहान की पगडंडी में होकर जाता है. जाट ने कहा कि रामेश्वर गर्ग के समर्थन में किसानों ने गांव-गांव जाकर किसानों को एकजुट करने का समर्थन किया.
कृषि कानूनों के बाद हुए समझौतों में केन्द्र सरकार ने एमएसपी खरीद पर गारंटी कानून बनाने के लिए सकारात्मक रुख अपनाने की बात कही थी. इसीलिए चुनाव नजदीक आते ही राजस्थान में इस कानून की मांग उठने लगी है. बीते कुछ महीनों में कई किसान संगठनों ने इस मांग को लेकर धरने और ज्ञापन दिए हैं.
ये भी पढे़ं- Rajasthan Assembly Elections 2023: एक महीने में पकड़ी 170 करोड़ रुपये शराब, नकदी
दिल्ली में भी बीते महीने कई प्रदेशों के किसानों ने कानून बनाने के लिए प्रस्ताव पास किए थे. इसमें राजस्थान, हरियाणा, मध्यप्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब जैसे राज्यों के किसान संगठन शामिल थे.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today