गठिया, हृदय की समस्याओं और अस्थमा जैसी समस्याओं से पीड़ित लोगों के लिए गर्मी के महीने साल के सबसे कठिन समय में से एक होते हैं. बढ़ते तापमान के कारण लोगों को पेट और सांस की समस्या हो सकती है. ऐसे में जरूरी है कि लोग खुद को स्वस्थ रखने के लिए हेल्दी और हल्का खाना खाएं. गर्मियों में कई फल मिलते हैं जो आपकी इन सभी समस्याओं को दूर कर सकते हैं. उन्हीं फलों में से एक है जामुन. जामुन, एक काले बेर जैसा फल है जो बहुत पौष्टिक होता है और गर्मी के महीनों के दौरान बाजार में व्यापक रूप से उपलब्ध होता है. जामुन के फायदों को देखते हुए कई विशेषज्ञ गर्मियों में बीमारियों से बचने के लिए जामुन खाने की सलाह देते हैं.
जामुन एक मौसमी फल है. लेकिन इसकी डिमांड हमेशा बनी रहती है. ऐसे में जामुन की मांग हमेशा पूरी हो सके इसी कड़ी में जामुन को प्रोसेस करके कई खाद्य पदार्थ तैयार किए जा रहे हैं. या ना केवल हेल्दी होता है बल्कि यह कई बीमारियों से आपको दूर रखता है.
जामुन का फल उसके रस जितना ही गुणकारी होता है. जामुन का रस बीज सहित निकाला जाता है. इसलिए इस जूस में गूदे और बीज दोनों के गुण मौजूद होते हैं. जामुन का रस निकालने के लिए सबसे पहले पूरे फल को एक फुट मिल में मोटा-मोटा पीस लिया जाता है, फिर उसके गूदे को हाइड्रोलिक प्रेस से दबाकर उसका रस निकाल लिया जाता है. प्राप्त रस को प्रोसेस करके एक बोतल में बंद कर दिया जाता है. इस प्रकार, बोतलबंद जामुन के जूस को कमरे के तापमान पर 12 महीने तक संग्रहीत किया जा सकता है.
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जेली को जामुन के फल के रस से तैयार किया जाता है. एंथोसायनिन की अधिक मात्रा के कारण इसका रंग बहुत आकर्षक और स्वाद लाजवाब होता है. इसे ब्रेड, रोटी आदि में डालकर खाया जा सकता है. फिनोलिक्स और एंथोसायनिन की उच्च मात्रा होने के कारण यह स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है.
अब तक आपने सेब, अंगूर और आदि से बने वाइन के बारे में सुना है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जामुन से भी वाइन तैयार किया जाता है. जामुन के गूदे के रंग, कसैलेपन और औषधीय गुणों को ध्यान में रखकर किया जाता है. जामुन के वाइन को किण्वन विधि द्वारा तैयार किया जाता है. वाइन का रंग बहुत आकर्षक बैंगनी होता है और स्वाद भी अच्छा होता है. लगभग 10 प्रतिशत अल्कोहलिक वाइन में मौजूद एंथोसायनिन और बायोएक्टिव फाइटोकेमिकल्स के कारण यह स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है.
जामुन का रस निकालने के बाद बचे हुए उसके गूदे से बिस्किट तैयार किए गए हैं. ऐसे बिस्कुट में चीनी का इस्तेमाल नहीं किया गया है इसलिए डायबिटीज के मरीज भी इन्हें खा सकते हैं. फाइबर और ब्लैकबेरी के गुणों की मौजूदगी के कारण ये बिस्किट ज्यादा स्वास्थ्यवर्धक होते हैं.
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