छत्तीसगढ़ जिसे धान के कटोरे के नाम से जाना जाता है. वही छत्तीसगढ़ अब जशपुर ब्रांड के नाम से पहचान बनाने को तैयार है. दरअसल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का नाता जशपुर जिले की बगिया गांव से है. इस गांव की महिलाएं और स्व सहायता समूह के जरिए जिन उत्पादों का निर्माण किया जाता है, उन्हें अब देश में एक अलग पहचान मिलने वाली है. ऐसा इसलिए क्योंकि अब इन उत्पादों को जशपुर ब्रांड के नाम से बाजार में बेचा जाएगा. आपको बता दें कि जशपुर जिले का बगिया वह गांव है, जहां मुख्यमंत्री साय का बचपन बीता और यहीं से उन्होंने अपने सियासी सफर की शुरुआत की. वहीं साय वर्तमान समय में प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं और वह अपने गांव को एक अलग पहचान दिलाना चाह रहे हैं.
बता दें कि जशपुर जिले के बगिया गांव की महिलाएं और स्व सहायता समूह के जरिए तरह-तरह के उत्पादों का निर्माण किया जा रहा है. इस उत्पादों के निर्माण से महिलाएं अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में लगी हुई हैं. वहीं, हाल ही दिनों में मुख्यमंत्री साय ने अपने गृह ग्राम बगिया में स्व-समूह की महिलाओं से मुलाकात कर उनकी गतिविधियों की जानकारी ली और महिलाओं द्वारा किए जा रहे कार्यों की तारीफ की है. मुख्यमंत्री साय ने कहा कि स्व-सहायता समूहों में महिलाओं को अधिक से अधिक जोड़ें ताकि महिलाओं को रोजगार मिल सके और वे आर्थिक रूप से स्वाबलंबी हो सकें.
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मुख्यमंत्री साय ने कहा कि स्व-सहायता समूहों के उत्पादों को मार्केट उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन की पहल से जशपुर ब्रांड के नाम से उत्पादों को बेचने की पहल की जा रही है. इसके लिए एक अलग से वेबसाइट भी बनाई गई है, ताकि इन उत्पादों की बिक्री के लिए आसानी से मार्केट उपलब्ध हो सके और लोगों तक जल्द से जल्द और आसानी से इन उत्पादों की जानकारी पहुंच सके. इस पर काम किया जा रहा है.
स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि समूहों द्वारा महुआ, कोदो, चावल, हर्रा, टाऊ कटहल, इमली चाय, माउथ फ्रेशनर आदि बनाने का काम किया जा रहा है. वहीं उनके समूह द्वारा महुआ से लड्डू बनाया जा रहा है, साथ ही कई महिलाएं खुद ही आनलाइन उन उत्पादों को बेचने का काम करती हैं. जिससे उनकी कमाई होती है.
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