भारत, विश्व में भैंसों की सबसे अधिक आबादी वाला देश माना जाता है. देश की एक बड़ी आबादी भैंस पालन से जुड़ी हुई है, लेकिन बहुत कम लोगों को ही पता होगा कि देश में कितनी तरह की भैंसे पाई जाती हैं और कौन सबसे अधिक दूध देने वाली नस्ल है. केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान के अनुसार देश में भैंसों की बन्नी, गोजरी, सुरती, मुर्रा, नीलीरावी, जाफराबादी, नागपुरी, पंढरपुरी, भदावरी, चिल्का, मेहसाणा, सुर्ती, तोड़ा, स्वैंप, तराई, जेरंगी, कालाहांडी, परालखेमुंडी, मंडल/गंजम, मराठवाड़ी, देशिला, असामी, संभलपुरी, कुट्टांड, धारावी, साउथ कन्नारा, सिकामीस और गोदावरी जैसी 26 तरह की प्रमुख नस्लें हैं. इनमें से 17 देसी भैंसे हैं जो सबसे ज्यादा दूध देती हैं. जानिए इन भैंसों के बारे में और कौन-कौन से किन राज्यों में पाई जाती हैं.
इनमें मुर्रा नस्ल काफी फेमस है. इस नस्ल की भैंसों को दुनिया की सबसे दुधारू जानवर माना जाता जाता है. इस नस्ल की भैंसें एक दिन में 20 से 30 लीटर तक दूध देती हैं. इसलिए इनकी कीमत बहुत होती है. मुर्रा नस्ल की भैंसे हरियाणा के रोहतक, हिसार, सिंद, पंजाब के नाभा, पटियाला और दिल्ली के दक्षिणी इलाकों में पाई जाती हैं. इसका रंग सामान्य रूप से काला होता है और पूंछ पर सफेद धब्बे होते हैं. मुर्रा भैंस की कीमत 60 हजार रुपए से लेकर पांच लाख रुपए तक हो सकती है.
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भैंसों की 17 प्रमुख नस्लें अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए खास पहचान रखने वाली हैं. ये कठिन से कठिन परिस्थितियों में रहने की क्षमता रखती हैं. आईए इनके नाम और जिन राज्यों में ये पाई जाती हैं उन्हें जानते हैं.
नस्ल प्रजनन क्षेत्र
1 सुरती गुजरात
2.बन्नी गुजरात
3.बारगुर तमिलनाडु
4.भदावरी उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश
5.चिलिका ओड़िशा
6.गोजरी हिमाचल प्रदेश और पंजाब
7.जाफराबाद गुजरात
8.कालाहांडी ओड़िशा
9.ल्यूट असम
10.मराठवाड़ी महाराष्ट्र
11.छत्तीसगढ़ी छत्तीसगढ़
12.मेहसाना गुजरात
13.मुर्रा हरियाणा और दिल्ली
14.नागपुरी महाराष्ट्र
15.नीली रावी पंजाब
16.पंढरपुरी महाराष्ट्र
17.टोडा तमिलनाडु
बात चली है भैंसों की नस्ल की तो देसी की बात भी करते हैं. देसी भैंस केवल हरा चारा खाकर अच्छी क्वालिटी का दूध उत्पादन कर सकती हैं. मुख्य तौर पर मध्यम वर्ग के डेयरी किसान ही देसी भैंस का पालन करते हैं. क्योंकि इस नस्ल की भैंस के पालन-पोषण में अधिक खर्च नहीं आता है. किसी भी वातावरण में खुद को आसानी से ढालने की वजह से देसी भैंस को अन्य पशुओं की तुलना में बीमारियों का खतरा कम होता है.
एक देसी भैंस प्रतिदिन 6 से 8 लीटर तक दूध देती है, लेकिन दूध उत्पादन उनके आहार, पानी, वातावरण, और देखभाल के साथ जुड़े कई अन्य चीज़ों पर भी निर्भर करता है. इसका दूध अत्यधिक पौष्टिक माना जाता है. इसमें प्रोटीन, विटामिन और खनिज जैसे आवश्यक पोषक तत्व भी भरपूर मात्रा में होते हैं. इन्हें पालना दूसरी नस्लों के मुकाबले आसान माना जाता है.
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