Rajasthan Election Result 2023: खींवसर सीट से RLP के हनुमान बेनीवाल जीते, रेवंत डांगा को हराया

Rajasthan Election Result 2023: खींवसर सीट से RLP के हनुमान बेनीवाल जीते, रेवंत डांगा को हराया

इन चुनावों में उन्होंने आजाद समाज पार्टी से गठबंधन किया है. इसके सर्वेसर्वा चंद्रशेखर रावण हैं. इसीलिए इन चुनावों यह लतीफा सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ कि राजनीति में ही यह संभव है कि हनुमान और रावण गठबंधन कर लें. 

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Rajasthan Election Result 2023: खींवसर सीट से RLP के हनुमान बेनीवाल जीते, रेवंत डांगा को हरायाRajasthan election result

राजस्थान की खींवसर सीट से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के उम्मीदवार और पार्टी प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने जीत दर्ज की है. इस सीट से बेनीवाल ने दोबारा जीत दर्ज की है. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी रेवंत रामा डांगा को दो हजार से अधिक वोटों से हराया. यह सीट बेनीवाल की पारंपरिक सीट है जहां से उन्होंने जीत दर्ज की है. हनुमान बेनीवाल राजस्थान की राजनीति का एक ऐसा चेहरा जो बहुत जल्द ही तीसरे विकल्प के तौर पर स्थापित हुआ है. हालांकि समय-समय पर उन्हें कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी का मुखौटा बताया जाता रहा है, लेकिन बेनीवाल कभी वसुंधरा पर तीखा हमला बोलते हैं तो कभी अशोक गहलोत पर. साल 2019 में अक्टूबर महीने में बेनीवाल ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का गठन किया था. इन पांच साल में आरएलपी प्रदेश में तीसरे फ्रंट के रूप में स्थापित हो गई है.

पहले ही चुनाव में उनके तीन विधायक विधानसभा पहुंचे. इन चुनावों में उन्होंने आजाद समाज पार्टी से गठबंधन किया है. इसके सर्वेसर्वा चंद्रशेखर रावण हैं. इसीलिए इन चुनावों यह लतीफा सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ कि राजनीति में ही यह संभव है कि हनुमान और रावण गठबंधन कर लें. हालांकि बेनीवाल की पार्टी पर सिर्फ जाटों की पार्टी होने का टैग है. लेकिन इन चुनावों में बेनीवाल के कई प्रत्याशियों ने कई सीटों पर चुनाव फंसा दिया है. हनुमान बेनीवाल ने 2019 में नागौर से लोकसभा का चुनाव जीता. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. ज्योति मिर्धा को दो लाख से ज्यादा वोटों से हराया था. इस बार नागौर क्षेत्र में चुनाव काफी रोचक हुआ है.

क्योंकि मिर्धा खानदान के सियासी वर्चस्व वाले इस क्षेत्र में ज्योति मिर्धा बीजेपी से चुनाव लड़ीं. नागौर से बेनीवाल ने कोई प्रत्याशी नहीं उतारा.

शुरुआती जीवन और करियर

बेनीवाल नागौर जिले के बरण गांव में एक जाट परिवार में पैदा हुए. नब्बे के दशक में पढ़ाई के वास्ते राजधानी जयपुर पहुंचे. यहां राजस्थान यूनिवर्सिटी में राजनीति में मुड़ गए. 1995 में राजस्थान कॉलेज में प्रेसीडेंट पद पर मिली जीत के बाद बेनीवाल ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. हनुमान खींवसर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.

2018 में भी इसी सीट से विधायक चुने गए. अगले साल ही हुए लोकसभा में उन्होंने सांसदी लड़ी और जीत गए. निकाय चुनाव और पंचायती राज चुनाव में भी हनुमान बेनीवाल ने अपने उम्मीदवार उतारे और आज उनकी पार्टी का एक पालिकाध्यक्ष अध्यक्ष और पांच प्रधान सहित अनेक सरपंच मौजूद हैं. अपनी खींवसर सीट से उन्होंने अपने भाई नारायण बेनीवाल को जितवा दिया.

वे फिलहाल नागौर से सांसद हैं. बेनीवाल ने राजस्थान कॉलेज में छात्रसंघ अध्यक्ष पर जीत के बाद 1996 में यूनिवर्सिटी लॉ कॉलेज और फिर 1997-98 में राजस्थान यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव निर्दलीय लड़ा और जीता. बेनीवाल ने ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले बच्चों के लिए एडमिशन में पांच प्रतिशत बोनस अंक देने की मांग को लेकर आंदोलन किया. जेल गए और अंत में इस मांग को मनवा लिया. 

2019 में बीजेपी से गठबंधन, किसान आंदोलन में टूट

2019 के लोकसभा चुनावों में बेनीवाल ने अपनी आरएलपी पार्टी का भारतीय जनता पार्टी से गठबंधन हुआ. नागौर सीट भाजपा ने बेनीवाल के लिए छोड़ दी, लेकिन यह गठबंधन बहुत लंबा नहीं चला. किसान आंदोलन के दौरान तीन कृषि कानूनों के विरोध में बेनीवाल ने यह गठबंधन तोड़ दिया और इन कानूनों का विरोध किया. 


 

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