Paryagraj News: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने कृषि कार्य के लिए बने ट्रैक्टर-ट्रॉली का इस्तेमाल ईंट, बालू, मोरंग, गिट्टी आदि की दुलाई में करने से दुर्घटनाओं में रही मौतों को गंभीरता से लिया है और इस पर लगाम लगाने को कहा है. कोर्ट ने ट्रैक्टर-ट्रॉली का इस्तेमाल कृषि कार्य में ही करने की सलाह देते हुए परिवहन विभाग से जरूरत पड़ने पर इसके लिए कानून बनाने को भी कहा है.
यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने फिरोजाबाद के अरांव थानाक्षेत्र में ट्रैक्टर- ट्रॉली से दुर्घटना में मौत के आरोपी संजय की जमानत अर्जी खारिज करते हुए दिया है. कोर्ट ने कहा कि अक्सर यह देखने में आता है कि जिन ट्रैक्टरों का मुख्य कार्य कृषि है और जिससे खेतों की जोताई, बुआई, कटाई व कृषि कार्य के लिए फसल एवं बीज की दुलाई का काम होता है. अनधिकृत रूप से उस ट्रैक्टर-ट्रॉली से ईंट, बालू, मोरंग, गिट्टी आदि की दुलाई भी की जाती है.
ट्रैक्टर-ट्रॉली को मुख्य मार्ग व बाजारों के बीचों बीच ले जाया जाता है. ट्रैक्टर की ट्रॉली काफी बड़ी होती है जिससे बाजारों में आवागमन में काफी परेशानी होती है और अक्सर इससे दुर्घटनाएं भी होती हैं एवं जानें में चली जाती हैं. ट्रैक्टर की ट्रॉली की बनावट इस प्रकार होती है कि उसे खेत में ही चलाया जा सकता है क्योंकि ट्रैक्टर आगे से बहुत छोटा और उसके पीछे लगी ट्रॉली ट्रैक्टर से चार गुना बड़ी होती है. उसमें न तो लाइट लगी होती है और न ही इंडीकेटर होता है. रात में पीछे से दिखाई न देने के कारण अक्सर इससे दुर्घटनाएं होती हैं और जानें चली जाती हैं. अधिकतर ऐसे लोग भी ट्रैक्टर- ट्रॉली चलाते हैं, जिनके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होता.
कोर्ट ने कहा कि पंजीकृत ट्रैक्टर-ट्रॉली का उपयोग गैर कृषि कार्यों के लिए किया जाना केन्द्रीय मोटरयान अधिनियम 1988 एवं उत्तर प्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम 1998 का उल्लघंन है. समय-समय पर परिवहन विभाग द्वारा भी यह बताया जाता है कि ट्रैक्टर को अनावश्यक रूप से मुख्य मार्गों पर न चलाया जाए. ऐसे में परिवहन विभाग से अपेक्षा की जाती है कि इस प्रकार के अनाधिकृत ट्रैक्टर ट्रालियों पर अंकुश लगाए ताकि ट्रैक्टर से होने वाली दुर्घटना और मृत्यु को बचाया जा सके. साथ ही यह भी सुझाव दिया जाता है कि कृषि कार्य के लिए उपयोग होने वाले ट्रैक्टर-ट्रॉली का इस्तेमाल अनाज ढोने के लिए न करें बल्कि अन्य माल ढोने वाले वाहनों के प्रयोग के लिए किसानों को प्रेरित करें. जरूरत पड़ने पर इस पर कानून भी बनाना पड़े तो इस दिशा में भी विचार करे.
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