आयुर्वेद को पढ़ें और समझें तो कई बीमारियो का इलाज सिर्फ कुछ पौधों और पत्तियों में ही मिल जाता है. आयुर्वेद की दुनिया में ऐसा ही एक अहम और असरदार पौधा है पुनर्नवा. इसमें विटामिन सी और अन्य कई पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं. इसका सेवन करने से शरीर में ऊर्जा बनी रहती है. आइए जानते हैं इसके और क्या फायदे हैं.
पुनर्नवा कई औषधीय गुणों वाला एक देसी पौधा है. इस पौधे की खासियत ये है कि यह पौधा गर्मी के मौसम में सूख जाता है और बरसात के समय फिर से खिल उठता है इसी वजह से इसका नाम पुनर्नवा रखा गया है. इस पौधे के कई फायदे भी हैं.देश में किडनी की समस्या से जूझ रहे अधिकतर मरीजों के लिए डायलिसिस ही जिंदगी का एक जरिया रह गया है. मगर विशेषज्ञों का दावा है कि पुनर्नवा का सेवन किडनी से जुड़ी बीमारियों के इलाज में संजीवनी का काम करता है. कई रिसर्च भी बताती हैं कि किडनी के मरीजों के लिए पुनर्नवा का सेवन काफी लाभकारी साबित हो सकता है.
आयुर्वेदिक नुस्खों की मानें तो पुनर्नवा की जड़ का काढ़ा बनाकर पीने से आंखों की समस्या से निजात मिलती है. पुनर्नवा की पत्तियों के रस को शहद में मिलाकर आंखों में लगाने से पुराने नेत्र रोग और मोतियाबिंद को नियंत्रित किया जा सकता है. वहीं आंखों की अन्य बीमारियों से भी इसका सेवन छुटकारा दिलवा देता है.
गांव के आंगन बगीचे में अक्सर चलते हुए पांव के नीचे आने वाली इस बेहतरीन गुणों वाले पौधे का वानस्पतिक नाम बोरवाहिया डिफ्यूसा है. वहीं इस पौधे को लोग गांव की भाषा में साठी और इंग्लिश में spreading hogweed नाम से भी जानते हैं.
मजे की बात यह है कि मध्यप्रदेश के पातालकोट के आदिवासी इसे जवानी बढ़ाने वाली दवा के रूप में प्रयोग करते हैं. वहीं पुनर्नवा की ताजी जड़ों के रस का दूध के साथ रोज सेवन करने से वृद्ध व्यक्ति भी युवा महसूस करते हैं.
आयुर्वेद में पुनर्नवा का मतलब शरीर को ऊर्जावान बनाना होता है. इससे बने चूर्ण या काढ़े का सेवन सेहत के लिए अच्छा होता है. साथ ही यह पौधा पशुओं की पाचन क्रिया में सहायक होता है. इसे खाने से पशुओं की अपच की समस्या ठीक हो जाती है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today