21 मई का दिन चाय लवर्स का पसंदीदा दिन है क्योंकि ये दिन चाय को समर्पित है. हर साल इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य चाय के इतिहास, उत्पादन, खपत और स्वास्थ्य लाभों सहित चाय के विभिन्न पहलुओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना है, चाय दुनिया में सबसे लोकप्रिय पेय पदार्थों में से एक है, जिसमें हर दिन 2 बिलियन कप से अधिक की खपत होती है.
50 से अधिक देशों में उगाया जाता है, और चाय उद्योग दुनिया भर में लाखों लोगों को रोजगार देता है। चाय कई विकासशील देशों के लिए आय का एक प्रमुख स्रोत भी है. भारत में खूब चाय पी जाती है. दिन की शुरुआत ही नहीं होती अगर चाय ना मिले तो. वहीं भारत में लोग कई रंगों में चाय पीते हैं. आइए जानते हैं अलग-अलग रंग के चायों की खासियत.
ब्लैक टी भारत में पी जाने वाली काफी मशहूर चाय है. यह चाय बिना दूध के बनाई जाती है. ये चाय भारत के अलावा अन्य कई देशों में उगाया जाता है. इस चाय को पत्तियों को सुखाकर बनाया जाता है. ब्लैक टी सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है. इस चाय के सेवन से शरीर पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है.
अधिकतर लोग चाय से ही अपने दिन की शुरुआत करते हैं और अगर चाय के सबसे सेहतमंद विकल्प की बात की जाए तो इसमें सबसे पहले ग्रीन टी का नाम आता है, ग्रीन टी में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है. वहीं यह कई बीमारियों में भी लाभकारी होता है. ग्रीन टी से डायबिटीज, कैंसर, और वजन घटता है.
येलो टी एक अनोखी सुगंध वाली महंगी और शानदार चाय है. येलो टी के फायदे काफी तेजी से लोगों की अपनी ओर ध्यान आकर्षित कर रहा हैं. इस चाय को चीनी में चाय को हुआंगचा कहा जाता है. ग्रीन टी के बाद सबसे अधिक लोग येलो टी का ही सेवन करते हैं. इसको पीला रंग करने के लिए इसकी पत्तियों को खास तरीके से तैयार किया जाता है.
आजकल देश में चाय के चाहने वालों की तादाद बहुत तेज़ी से बढ़ रही है. आपने ग्रीन टी और ब्लैक टी का नाम तो सुना होगा लेकिन आपको बता दें कि इन दो रंगों की चाय के अलावा एक "गुलाबी चाय भी है", जिसे पिंक टी के नाम से जाना जाता है. यह चाय गुड़हल के फूल से बनाई जाती है. स्वास्थ्य के नजर में भी यह काफी फायदेमंद होता है.
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