हरियाणा में सरसों की खरीद जारी है. अभी तक यह काम हैफेड के जरिये हो रहा था. लेकिन इसमें अब हरियाणा वेयरहाउस कॉरपोरशन भी जुड़ गया है. वेयरहाउस कॉरपोरेशन की ओर से भी किसानों से सरसों खरीदी जा रही है.
मंडियों में जैसे हैफेड सरसों की खरीद करता है, वैसे ही वेयरहाउस के जरिये भी खरीद की जाती है. हरियाणा कुछ हिस्सों में किसानों की शिकायत है कि हैफेड ने अचानक सरसों की खरीद बंद कर दी. इसके बाद वेयरहाउस ने खरीद शुरू की है.
हरियाणा के जिला यमुनानगर में किसानों का कहना है कि हैफेड ने सरसों की खरीद बंद कर दी है क्योंकि उसका टारगेट पूरा हो चुका है. इसके बाद किसान अपनी उपज को लेकर दर-दर भटक रहे हैं. प्रशासन ने कहा है कि वेयरहाउस की ओर से खरीद शुरू की गई है.
प्रशासन ने कहा है कि आढ़तियों के जरिये हरियाणा कॉरपोरेशन की तरफ से सरसों की खरीद की जा रही है. हालांकि इसमें एक शिकायत ये है कि वेयरहाउस का पोर्टल नहीं चल रहा है जिससे किसानों को गेट पास बनवाने में परेशानी हो रही है.
किसानों को वेयरहाउस के पोर्टल पर लॉगिन करने के बाद बिक्री के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होता है. रजिस्ट्रेशन के आधार पर ही किसानों को गेट पास जारी किया जाता है. इस गेट पास की मदद से किसान मंडियों में जाते हैं और अपनी उपज की बिक्री करते हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, सरसों की खरीद की जिम्मेदारी हरियाणा वेयरहाउस कॉरपोरेशन को मिली है. कुछ दिन पहले इसके पोर्टल में कुछ गड़बड़ थी जिससे खरीद का विकल्प नहीं खुल रहा था. लेकिन अब पोर्टल सही हो गया है जहां किसान सरसों बिक्री के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
इस बीच एक रिपोर्ट ये भी आई है कि सरकार वेयरहाउसिंग ऐक्ट को हटा सकती है जिससे वेयरहाउस कॉरपोरेशन में विनिवेश का रास्ता साफ हो सकता है. सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन एक मिनी रत्न कंपनी है जिसमें 50 फीसद शेयर केंद्र सरकार का है. इस कंपनी में 19 स्टेट वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन भी हैं जिसमें एक हरियाणा वेयरहाउस कॉरपोरेशन भी है. यह कॉरपोरेशन किसानों से सरसों खरीद रहा है.
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