यूपी में खाद की बिक्री करने वाले व्यापारियों को करना होगा ये काम, वरना लाइसेंस भी होगा रद्द और दर्ज होगी FIR

यूपी में खाद की बिक्री करने वाले व्यापारियों को करना होगा ये काम, वरना लाइसेंस भी होगा रद्द और दर्ज होगी FIR

Fertilizer Seed Shop: खेती और किसानी में खाद और बीज की काफी अहमियत होती है. इनके बगैर खेती और अच्‍छी फसल की कल्‍पना नहीं की जा सकती है. इसी क्रम में उप्र कृषि विभाग ने खाद की बिक्री करने वाले व्यापारियों और दुकानदारों पर बड़ा एक्शन लेने की तैयारी में हैं.

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यूपी में खाद की बिक्री करने वाले व्यापारियों को करना होगा ये काम, वरना लाइसेंस भी होगा रद्द और दर्ज होगी FIRजिला कृषि अधिकारी तेग बहादुर सिंह ने बताया कि जांच में किसी तरह की गड़बड़ी मिली तो संंबंधित पर कार्रवाई करेंगे.

खेती और किसानी में खाद और बीज की काफी अहमियत होती है. इनके बगैर खेती और अच्‍छी फसल की कल्‍पना नहीं की जा सकती है. इसी क्रम में उप्र कृषि विभाग ने खाद की बिक्री करने वाले व्यापारियों और दुकानदारों पर बड़ा एक्शन लेने की तैयारी में हैं. मामले में लखनऊ के जिला कृषि अधिकारी तेग बहादुर सिंह ने बताया कि जनपद में उर्वरक का थोक, खुदरा व्यापार करने हेतु उर्वरक प्रमाण पत्र प्राप्त करना अनिवार्य है, जिसकी वैधता प्राधिकार-पत्र जारी होने से 5 वर्ष तक अनुमन्य है. उन्होंने बताया कि उर्वरक प्रमाण पत्रों के डॉक्‍यूमेंट्स में जांच के दौरान मामला प्रकाश में आया है कि उर्वरक व्यापारियों के द्वारा जारी पत्र का नवीनीकरण न कराकर निर्गत विक्रय प्राधिकार पत्र की मूलप्रति एवं रिटेल पीओएस मशीन कार्यालय में जमा नहीं किया गया है, जो कि उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 का उल्लघंन है.

उर्वरक का लाइसेंस नवीनीकरण करना अनिवार्य

तेग बहादुर सिंह ने सूचित करते हुए कहा कि लखनऊ जनपद के समस्त थोक,खुदरा उर्वरक विक्रेताओं को निर्गत उर्वरक प्राधिकार-पत्र का नवीनीकरण आवेदन वैधता तिथि समाप्ति से एक माह पूर्व कराना सुनिश्चित करें, यदि किसी व्यापारी के द्वारा उर्वरक नवीनीकरण नहीं कराया जाता है तो वैधता तिथि के बाद लाइसेंस एवं पीओएस मशीन मूलरूप में कार्यालय में जमा करने की उत्तरदायित्व सम्बन्धित विक्रेता/फर्म का होगा.

फर्म और व्यापारी पर दर्ज कराएगी जाएगी एफआईआर

उन्होंने बताया कि यदि किसी भी स्तर से यह तथ्य प्रकाश में आता है कि सम्बन्धित फर्म, व्यापारी द्वारा बिना वैध उर्वरक प्राधिकार-पत्र और जारी लाइसेंस समाप्त होने के बाद रिटेल आईडी से उर्वरक व्यापार किया जाता है, तो उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत सम्बन्धित के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करा दी जायेगी. जिसके लिए फर्म और व्यापारी खुद उत्तरदायी होगें. इस हेतु प्रथक से कोई भी नोटिस निर्गत नहीं की जाएगी. जिला कृषि अधिकारी तेग बहादुर सिंह ने बताया कि जांच में किसी तरह की गड़बड़ी मिली तो संंबंधित पर कार्रवाई करेंगे.

कैसे करें अप्‍लाई 

खाद और बीज की दुकान का लाइसेंस हासिल करने के लिए आपको सबसे पहले कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर लॉग इन करना होगा. इस पोर्टल पर आप आधार कार्ड के जरिये रजिस्‍ट्रेशन करा सकते हैं. फिर इसी वेबसाइट पर आपको एप्‍लीकेशन फॉर्म भरना होगा और जो भी जानकारी मांगी गई है, उसे भरना होगा. ऑनलाइन एप्‍लीकेशन के लिए आपको upagriculture.com पर क्लिक करना होगा. यहां पर जनहित गारंटी पर‍ क्लिक करने के बाद जरूरी डॉक्‍यूमेंट्स के साथ फॉर्म को अटैच कर दें. अप्‍लीकेशन को पूरी तरह से भरें और अगर कोई परेशानी है तो आप कृषि विभाग के किसी कर्मचारी की मदद ले सकते हैं.

कब मिलेगा लाइसेंस, कितनी है फीस 

ऑनलाइन अप्‍लाई करने के बाद उसका एक प्रिंट आउट जरूर लें और एक हफ्ते के अंदर इससे जुड़े ऑफिस में जमा कर दें. इसके बाद लाइसेंस की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. हार्ड कॉपी सबमिट करने के एक महीने के अंदर आपको लाइसेंस हासिल हो जाएगा. उर्वरक की ब्रिकी के लिए खुदरा लाइसेंस की फीस 1250 रुपये है. जबकि थोक लाइसेंस की फीस 2250 रुपये है. वहीं ब्रिकी लाइसेंस फीस 1000 रुपये और लाइसेंस रिन्‍यू कराने की फीस 500 रुपये तय की गई है. 

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