खेती-किसानी को ज्यादा प्रॉफिटेबल बनाने और लागत कम करने के लिए सरकार और एग्री कंपनियां लगातार कोशिश कर रही हैं. इस कड़ी में, कोऑपरेटिव सोसायटी इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर्स कोऑपरेटिव लिमिटेड (IFFCO) ने समुद्री शैलाव से बना बायो-फर्टिलाइजर सागरिका निकाला है, जिससे उत्पादन और मिट्टी की गुणवत्ता दोनों के लिए फायदेमंद है. इफको सागरिका एक जैव उत्तेजक है जो आपकी फसल को विपरीत परिस्थितियों में सुरक्षित रखता है. इसका इस्तेमाल सभी तरह की फसल पर कर सकते हैं. आइए जानते हैं इफको सागरिका के फायदे और किन फसलों के लिए यह फायेदमंद है.
समुद्री शैवाल खाद, समुद्री शैवाल से निकाला जाता है. इसमें सभी प्रकार के प्रोटीन, एमिनो एसिड में समृद्ध है जो पौधे सीधे अवशोषित और उपयोग कर सकते हैं, और पौधे विकास नियामकों, अल्जीनिक एसिड, विटामिन, न्यूक्लियोटाइड, पौधे तनाव प्रतिरोध कारकों और पौधों के विकास के आवश्यक तत्वों को पौधे शारीरिक प्रक्रियाओं पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है. सभी जैव सक्रिय पदार्थ समुद्री शैवाल से निकाले गए शुद्ध प्राकृतिक पदार्थ होते हैं, कोई अवशेष नहीं प्रभाव नहीं होता है. ये खाद धीरे धीरे मिट्टी में पोषक तत्व छोड़ता रहता है जिससे लंबे समय तक पौधे को न्यूट्रीशन मिलता रहता है. इसमें पौधे की बढ़त के लिए जरूरी उत्प्रेरक हार्मोन होते हैं, जोकि सूर्य से प्राप्त ऊर्जा का उचित उपयोग करके पौधे को मजबूत व स्वस्थ बनाता है.
इफको सागरिका समुद्री शैवाल से बना खाद है, जो फसलों का उत्पादन बढ़ाने में मददगार है. इसे लाल और भूरे रंग के समुद्री जल में उगने वाले शैवाल से बनाया गया है. इसलिए इसका नाम सागरिका रखा गया है. इसमें कुल घुलनशील पदार्थों में 28% समुद्री शैवाल का रस (लाल और भूरे रंग का शैवाल), प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, अकार्बनिक लवण, विटामिन, प्राकृतिक हार्मोंज, बिटेंज, मैनीटोल और अन्य पोषक तत्व.
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सीवीड खाद से पौधे स्वस्थ, रोगमुक्त और मौसम की मार से सुरक्षित रहते हैं. खाद धीरे-धीरे मिट्टी में पोषक तत्व छोड़ती रहती है. जिससे लंबे समय तक पौधे को पोषण मिलता रहता है. इसमें पौधे की बढ़त के लिए जरूरी उत्प्रेरक हार्मोन होते हैं जो कि सूर्य से प्राप्त ऊर्जा का उचित उपयोग करके मजबूत व स्वस्थ पौधा बनाते हैं
समुद्री शैवाल के अर्क का उपयोग पर्ण छिड़काव, मिट्टी में लगाने और बुवाई से पहले बीज उपचार करने के लिए किया जाता है.यह खाद फसल की गुणवत्ता को बढ़ाती है. इस खाद को लॉन, किचन गार्डन, घर में लगे पौधों में भी डाला जा सकता है. सीवीड खाद में फॉसफोरस की उपयुक्त मात्रा पाई जाती है.जिससे बड़े और अच्छे रंग के फूल और स्वस्थ फल पैदा होते हैं.सीवीड खाद फल-फूल के पौधे जैसे आलू, खीरा, स्ट्रॉबेरी, शिमला मिर्च, सेब, भिंडी, संतरा, ग्लेडियोलस के फूल आदि में अच्छी पैदावार करता है.
इफको की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, इफको सागरिका सभी फसलों जैसे- दलहन, तिलहन, प्लांटेशन (अर्कानट, नारियल, कॉफी, रबड़, चाय, कोको), कमर्शियल क्रॉप (कॉट, जूट, गन्ना आदि) और हॉर्टिकल्चर (केला, सेब, अमरूद, आम, पपीता आदि) में इस्तेमाल किया जा सकता है.
पौधे में डालने के लिए पत्तियों पर सीवीड खाद का छिड़काव करना सबसे अच्छा तरीका माना गया है. इसे पानी में मिलाकर बीज बोते समय, कलम या पौधा लगाते समय डालें या छिड़काव करें.पौधे में फल-फूल का सीजन आने से 8-10 दिन पहले या कलियां दिखने पर यह खाद डालना चाहिए.पत्तियों पर छिड़काव के लिए 1 लीटर पानी में करीब 1 से 3 मिलीलीटर सीवीड खाद मिलाकर पौधे की पत्तियों पर छिड़काव करें.पौधे की जड़ों में डालने के लिए 1 लीटर पानी में 3 से 6 मिलीलीटर सीवीड खाद की मात्रा पर्याप्त होती है.
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