महाराष्ट्र में किसानों की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है. राज्य के नांदेड जिले में बुवाई के लिए बारिश का इंतजार कर रहे किसान बीज और खाद के लिए बाजार में उमड़ पड़े हैं. लेकिन बीज खरीदने वाले किसानों के साथ धोखा हो रहा है. दुकानदार कपास के बीजों को दोगुने दामों बेच रहे हैं. इसके चलते किसान परेशान हैं. कुछ दिन पहले नांदेड़ जिले के हिमायतनगर स्थित नया मोंढा में इस तरह की घटना सामने आई थी. वहीं अब लोहा तहसील में कृषि केंद्र संचालकों द्वारा किसानों से ठगी की जा रही है. वर्तमान में कपास के बीज की मांग बढ़ गई है. इस मांग का फायदा उठाकर बीज विक्रेता बीज को ऊंचे दामों पर बेच रहे हैं.
कुछ दिन पहले अकोला जिले में भी कपास के लिए किसानों को लाइन लगानी पड़ रही थी. साथ ही किसान अधिक दामों पर बीज खरीदने पर मजबूर हो रहे थे. किसान कृषि केंद्र पर अपने पसंदीदा बीच को लेने के लिए रात भर लंबी कतार में खड़े थे. कपास के बीज के लिए कुछ महिलाएं आपस में धक्का-मुक्की और एक दूसरे पर लात-घूसे चलाते दिखाई दे रहे थे. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. बताया जा रहा है कि एक कंपनी के कपास का बीज अब बहुत कम बचा है. उसे पाने के लिए किसान घंटों लाइन में खड़े हो रहे हैं. वहीं अब कई राज्यों में हालत ये है कि किसानों को अधिक दामों में बीज बेचा जा रहा है.
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किसान लक्ष्मण सुरनर बताते हैं कि जो कपास के बीज का सरकारी भाव 864 रुपये है, उसे बाज़ार में 1300 रुपये के भाव से बेचा जा रहा है. दुकानदारों का कहना है कि माल कम है, इसलिए कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. दूसरी ओर, किसानों का कहना है कि उनसे ज्यादा दाम लेकर लूटा जा रहा है. दुकानदार कपास का बीज डबल भाव में बेच रहे हैं. लेकिन रसीद कम भाव की ही दे रहे हैं. ये सब देखने के लिए कोई कृषि विभाग का अधिकारी नहीं आ रहा है.
नांदेड जिले के लोहा में कृषि केंद्र संचालक 1300 रुपये में कपास के बीज बेच रहे हैं, जबकि इसका दाम 864 रुपये है. इसके अलावा किसानों को धोखा दे कर निर्धारित मूल्य की रसीद दी जा रही है. कुछ रसीदों में तो कुल रकम भी नहीं लिखी है. कुछ रसीदों में गलत रकम दर्ज की जा रही है. फिलहाल, बीजों के दाम ज्यादा लेने और इसकी हो रही कालाबाजारी को रोकने के लिए जिला स्तरीय विशेष टीम और कृषि विभाग की 16 टीमें तैनात की गई हैं.
कलेक्टर अभिजीत राऊत ने निर्देश दिए हैं कि बाजार में बीज, खाद, कीटनाशकों का गैर कानूनी स्टॉक किया गया या अनाधिकृत रूप से बिक्री करते पाया गया तो कार्रवाई की जाएगी. ऐसा प्रतीत होता है कि निर्देश केवल प्रचार-प्रसार के लिए किया गया है और जिले में कृषि केंद्र संचालक किसानों को खुलेआम लूट रहे हैं, लेकिन जिला कृषि विभाग द्वारा केंद्र संचालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.( रिपोर्ट/ कुवरचंद मंडले)
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