फ्रेंचबीन लताओं वाले समूह का एक पौधा है. इसके पौधों पर निकलने वाली फलियां सेम या बीन्स कहलाती हैं, इसकी फलियां अलग-अलग आकार की होती हैं, जो देखने में पीली, सफेद और हरे रंग की होती हैं. फ्रेंचबीन की मुलायम फलियां को सब्जी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा किसान बीन्स के पौधों से हरी खाद भी बनाते हैं और पत्तियों को पशुओं के चारे के लिए उपयोग किया जाता है. वहीं वर्तमान समय में फ्रेंचबीन की कुछ ऐसी किस्में हैं जिनकी खेती करने पर किसानों को बेहतर उपज के साथ-साथ कीमत भी अच्छी मिलती है.
ऐसे में अगर आप भी फ्रेंचबीन की कुछ ऐसी ही किस्म की तलाश कर रहे हैं जिससे अधिक उपज मिल सके, तो आप अर्का कोमल की खेती कर सकते हैं. आइए बताते हैं कहां सस्ते में मिलेगा इसका बीज और क्या है इसकी खासियत.
राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation) किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन फ्रेंचबीन की उन्नत किस्म अर्का कोमल का बीज बेच रहा है. इस बीज को आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं. यहां किसानों को कई अन्य प्रकार की फलों और सब्जियों के बीज भी आसानी से मिल जाएंगे. किसान इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर पर डिलीवरी करवा सकते हैं.
NSC की उत्तम क्वालिटी की फ्रेंचबीन 'अर्का कोमल' किस्म के बीज अब @ONDC_Official पर 100gm एवं 500gm. के पैक मे उपलब्ध है।
— National Seeds Corp. (@NSCLIMITED) March 6, 2024
ऑनलाइन ऑर्डर करने के लिए https://t.co/qWbAVEMKOI पर क्लिक करें |#NationalSeedsCorpLtd #FarmSona @MundaArjun @AgriGoI @KailashBaytu @ShobhaBJP @mkaurdwivedi pic.twitter.com/BHAtsHyu8s
फ्रेंचबीन के अर्का कोमल किस्म का निर्माण भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बैंगलोर द्वारा किया गया है. इस किस्म के पौधों पर रतुआ और चूर्णिल फफूंद रोग नहीं लगता है. इस किस्म के पौधे रोपाई के लगभग 50 से 60 दिन बाद पैदावार देना शुरू कर देते हैं, जिनका प्रति हेक्टेयर कुल उत्पादन 8 से 10 टन के आसपास है.
अगर आप भी फ्रेंच बीन्स की अर्का कोमल किस्म की खेती करना चाहते हैं तो इस किस्म के बीज 500 ग्राम के पैकेट में उपलब्ध हैं. ये पैकेट फिलहाल 31 फीसदी की छूट के साथ 160 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएगा. इसे खरीद कर आप आसानी से फ्रेंचबीन की खेती कर सकते हैं. साथ ही इससे अच्छी कमाई भी कर सकते हैं.
बात करें फ्रेंचबीन की खेती कि तो उत्तर भारत में इसकी खेती अक्टूबर और फरवरी के महीने में की जाती है. वहीं पहाड़ी क्षेत्रों में इसकी खेती मार्च, अप्रैल और जून के महीने में की जाती है. किसानों को बुवाई करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बुवाई हमेशा कतार में करें ताकि निराई-गुड़ाई के काम में आसानी रहे. वहीं बुवाई के समय पंक्ति से पंक्ति की दूरी 45-60 सेमी. और बीज से बीज की दूरी 10 सेमी. रखनी चाहिए. ऐसा करने से उत्पादन में बढ़ोतरी होगी.
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