कमजोर मॉनसून के बावजूद 57 फीसदी कैसे बढ़ गई रासायन‍िक उर्वरकों की ब‍िक्री? 

कमजोर मॉनसून के बावजूद 57 फीसदी कैसे बढ़ गई रासायन‍िक उर्वरकों की ब‍िक्री? 

Chemical Fertilizers Sales: आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में यूरिया, डीएपी और कॉम्प्लेक्स उर्वरकों की मांग में भारी वृद्ध‍ि. आख‍िर रासायन‍िक खाद की इतनी कैसे बढ़ी मांग. जबक‍ि उर्वरकों के डायवर्जन, कालाबाजारी, जमाखोरी के ख‍िलाफ सख्त कार्रवाई का क‍िया जा रहा है दावा

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कमजोर मॉनसून के बावजूद 57 फीसदी कैसे बढ़ गई रासायन‍िक उर्वरकों की ब‍िक्री? रासायनिक उर्वरकों की बिक्री बढ़ी (File Photo-Kisan Tak).

अगस्त के दौरान प्रमुख उर्वरकों जैसे यूरिया, डीएपी और कॉम्प्लेक्स की बिक्री में लक्ष्य से 57 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि हुई है. वो भी ऐसा तब हुआ है जब पूरे देश में मॉनसून 36 प्रतिशत कम था. चूंकि अधिक बिक्री का सब्सिडी से सीधा संबंध है इसलिए सरकार इस आंकड़े से च‍िंत‍ित है. उसने उपयोग को कम करने की रणनीति बनानी शुरू कर दी है. खासतौर पर यूरिया के गैर-कृषि क्षेत्र की ओर डायवर्जन रोकने के लिए काम करना शुरू किया है. डायवर्जन का मतलब यह है क‍ि जिस कार्य के लिए यूरिया दी जाती है उस काम में उसका इस्तेमाल न करके दूसरे कार्यों में उपयोग हो रहा है. यूरिया का गैर कृषि क्षेत्र में जमकर इस्तेमाल होता रहा है. इसका इस्तेमाल गोंद, प्लाईवुड, क्रॉकरी, मोल्डिंग पाउडर, पशु चारा और औद्योगिक खनन विस्फोटक बनाने वाले उद्योगों में होता है. किसानों को 45 किलोग्राम के एक बैग यूर‍िया की कीमत स‍िर्फ 266 रुपये देनी पड़ती है. 

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 51.62 लाख टन (एलटी) की अनुमानित मांग के मुकाबले यूरिया, डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) और कॉम्प्लेक्स (प्रमुख पोषक तत्वों एनपीकेएस) की वास्तविक बिक्री 1 अगस्त से 1 सितंबर के बीच 80.93 लाख टन थी. डीएपी की उठान 7.47 लाख टन की अनुमानित मांग के मुकाबले 14.28 लाख टन देखी गई. इसी तरह 10.58 लाख टन की मांग के मुकाबले 17.35 लाख टन कॉम्प्लेक्स फर्ट‍िलाइजर गया. जबक‍ि यूर‍िया की ब‍िक्री 33.6 लाख टन की जगह 49.3 लाख टन थी. पिछले महीने केवल म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी) की बिक्री में ग‍िरावट आई. यह 2.49 लाख टन के मुकाबले स‍िर्फ 1.83 लाख टन ही रहा.  

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उठ चुका है उर्वरकों की बढ़ती बिक्री का मुद्दा

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पहले ही सरकार के प्रयासों के बावजूद रासायनिक उर्वरकों की बढ़ती बिक्री का मुद्दा उठाया था.हालांक‍ि, अधिकारियों ने कहना है कि अनुमानित मासिक मांग पिछले के बिक्री डेटा और राज्यों से प्राप्त इनपुट का आकलन करने के बाद निकाली गई है. केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने सब्सिडी वाले रासायनिक उर्वरकों के गैर कृष‍ि उपयोग करने वालों के ख‍िलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है. उर्वरक मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में मंत्री के हवाले से कहा गया है क‍ि "हमने उद्योगों को कृषि ग्रेड यूरिया के डायवर्जन के खिलाफ जीरो टॉलरेंट की नीति अपनाई है. डायवर्जन पर नकेल कसने के लिए एक विस्तृत कार्य योजना बनाई गई है.

चलती रहती है कार्रवाई 

उर्वरकों के डायवर्जन, कालाबाजारी, जमाखोरी और घटिया गुणवत्ता वाली खाद की आपूर्ति रोकने के लिए अधिकारियों की विशेष टीमें पहले ही गठित की गई थीं. जिन्हें फर्टिलाइजर फ्लाइंग स्क्वायड (एफएफएस) कहा जाता है. रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने रासायन‍िक उर्वरकों के डायवर्जन और कालाबाजारी के ख‍िलाफ मई 2023 तक जो एक्शन ल‍िया था उसका ब्यौरा द‍िया है. इसमें बताया गया है क‍ि मंत्रालय के उड़न दस्ते ने 370 औचक निरीक्षण किए. यूरिया के डायवर्जन को लेकर 30 एफआईआर दर्ज की गई. नकली यूरिया की 70,000 बोरी जब्त की गई. उस वक्त तक प्र‍िवेंशन ऑफ ब्लैक मार्केट‍िंग एंड मेंटेनेंस सप्लाइज (पीबीएम) अधिनियम के तहत 11 लोगों को जेल भी भेजा गया था. 

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