उत्तर प्रदेश में खाद की कमी की समस्या जल्द ही समाप्त हो जाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने रविवार शाम को प्रदेश में खाद (Fertilizers Stock) की उपलब्धता को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की. इस बैठक में मुख्य सचिव, कृषि विभाग के प्रमुख सचिव, सहकारिता विभाग के प्रमुख सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि राज्य में किसानों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएं.
सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि निजी क्षेत्र से प्राप्त हो रहे उर्वरक को सहकारी समितियों और अन्य सरकारी माध्यमों से किसानों तक पहुंचाया जाए. उन्होंने स्पष्ट किया कि निजी कंपनियों से मिलने वाली खाद को उचित मूल्य पर किसानों को उपलब्ध कराना आवश्यक है ताकि उनकी फसल उत्पादन प्रक्रिया में कोई बाधा न आए. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे केंद्र सरकार के साथ प्रभावी समन्वय स्थापित करें और आवश्यकतानुसार उर्वरक की आपूर्ति सुनिश्चित करें. उन्होंने जोर दिया कि केंद्र सरकार के विभागों से नियमित संपर्क बनाए रखा जाए ताकि खाद की उपलब्धता में किसी प्रकार की देरी न हो.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने खाद वितरण स्थलों पर किसानों के लिए आवश्यक बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि खाद वितरण के दौरान किसानों को उचित लाइन, पानी की व्यवस्था, छाया और बैठने की सुविधा जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं. सीएम ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि वितरण केंद्रों पर अनुशासन बनाए रखा जाए और किसी भी प्रकार की अव्यवस्था से बचा जाए. इसके साथ ही, किसानों के हितों की रक्षा करते हुए पारदर्शी प्रक्रिया अपनाने पर बल दिया.
मुख्यमंत्री ने खाद वितरण प्रक्रिया की निगरानी के लिए एक विशेष तंत्र की स्थापना का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर अधिकारियों की एक टीम बनाई जाए जो वितरण प्रक्रिया पर नजर रखे और नियमित रूप से रिपोर्ट प्रस्तुत करे. इस तंत्र के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि खाद की कालाबाजारी या जमाखोरी न हो. मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि ऐसे मामलों में दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
वहीं, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने शनिवार को खाद की उपलब्धता को लेकर समीक्षा बैठक की. बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दी कि अगले दो दिनों में प्रदेश में 8 हजार मीट्रिक टन खाद पहुंचने की संभावना है. विभिन्न स्थानों से 23 उर्वरक रैक उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हो चुकी हैं.
कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश में अभी भी ढाई लाख मीट्रिक टन से अधिक खाद उपलब्ध है. सहकारी समितियों के पास 52 हजार मीट्रिक टन और निजी केंद्रों पर लगभग 1.20 लाख मीट्रिक टन डीएपी मौजूद है. 1 से 15 नवंबर के बीच राज्य में 85 फास्फेटिक उर्वरकों की रैक भेजी गई थीं, जिनमें से 60 रैक पहले ही पहुंच चुकी हैं. इन रैकों के माध्यम से 1.75 लाख मीट्रिक टन डीएपी और 55 हजार मीट्रिक टन एनपीके प्राप्त हो चुका है. शेष 25 रैक जल्द ही प्रदेश में पहुंचेंगी. आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में खाद संकट ने किसानों की परेशानी बढ़ा रखी है. बीते कुछ सप्ताह के दौरान झांसी, औरैया, महोबा, टीकमगढ़ समेत कई जिलों में खाद दुकानों पर किसानों की लंबी लाइने देखी जा रही हैं.
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