Brinjal: गर्मियों में कैसे करें बैंगन की खेती जिससे बढ़ जाए मुनाफा? पैदावार बढ़ाने के क्या हैं उपाय?
जब तापमान 23-30 डिग्री के बीच हो तो बैंगन की बुवाई करें. इस तापमान पर बैंगन की अच्छी वृद्धि होती है. खेत के बदले गमले या नाद में बैंगन लगा रहे हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि मिट्टी सही जगह से ली गई हो. वर्ना मिट्टी की खराबी पूरे पौधे को सड़ा सकती है.
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इस तरह करें बैंगन की खेती मिलेगी बंपर पैदावार. (सांकेतिक फोटो)
गर्मियों के बैंगन का सीजन आने वाला है. इसे तकनीकी भाषा में ग्रीष्मकालीन बैंगन कहते हैं. इस बैंगन का स्वाद ऐसा होता है कि लोग पालक के साथ सब्जी बनाकर खूब चाव से खाते हैं. ठंड के बैंगन से ग्रीष्मकालीन बैंगन का स्वाद कुछ बेहतर माना जाता है. बीज की मात्रा भी कम होती है. ऐसे में आप भी इसकी खेती करने का प्लान बना रहे हैं तो कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें. हम आपको कुछ टिप्स बताएंगे जिससे ग्रीष्मकालीन बैंगन की पैदावार बढ़ा सकते हैं. पैदावार बढ़ने से आपकी कमाई भी बढ़ जाएगी.
पैदावार और कमाई बढ़ाने के चार टिप्स यहां बताए जा रहे हैं. बस आपको इन टिप्स पर अमल करना है और उसी के हिसाब से ग्रीष्मकालीन बैंगन की खेती करनी है. आइए जानें.
ग्रीष्मकालीन बैंगन की खेती के लिए अच्छे जल निकासी वाली बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है. इसीलिए इसी मिट्टी में बैंगन की खेती करें तो आपको अधिक पैदावार मिलेगी.
इसकी उच्च पैदावार देने वाली प्रजातियों में पूसा हाइब्रिड, पूसा हाइब्रिड-9, विजय हाइब्रिड, पूसा पर्पिल लौंग, पूसा क्लस्टर, पूसा क्रांति और पंत सम्राट आदि को शामिल किया जा सकता है.
अच्छी पैदावार के लिए प्रति हेक्टेयर खेत तैयार करते समय 15-20 टन सड़ी गोबर की खाद और रोपाई से पहले 60:60 किलो (फॉस्फोरस और पोटाश) और फूल आने से पहले 150 किलो नाइट्रोजन की मात्रा का प्रयोग किया जा सकता है.
पेंडिमिथालिन या स्टांप नामक खरपतवार नाशी की 3 लीटर मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से बैंगन पौध रोपाई के पहले प्रयोग किया जा सकता है. इस दवा का प्रयोग करने से पौधे स्वस्थ रहेंगे और फल अधिक आएंगे.