scorecardresearch
Mango Crops: बारिश और ओलावृष्टि से आम की फसल को हुआ नुकसान, अब रोग लगने का बढ़ा खतरा

Mango Crops: बारिश और ओलावृष्टि से आम की फसल को हुआ नुकसान, अब रोग लगने का बढ़ा खतरा

पूरे उत्तर प्रदेश में पिछले 5 दिनों से बेमौसम बारिश हो रही है. प्रदेश के कई हिस्सों में ओलावृष्टि से गेहूं, सरसों ही नहीं बल्कि आम की फसल को भी बड़ा नुकसान पहुंचा है. उत्तर प्रदेश की 15 फल पट्टी 13 जिलों में फैली हुई है. वहीं इस बार आम के बौर से लगे हुए पेड़ को देखकर आम की अच्छी उपज की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन बारिश और ओलावृष्टि ने इस उम्मीद पर पानी फेर दिया है. मेरठ से लेकर लखनऊ और बनारस के लंगड़ा आम के बाग पर भी नुकसान हुआ है.

advertisement
आम में खर्रा रोग की बढ़ी संभावना आम में खर्रा रोग की बढ़ी संभावना

पूरे उत्तर प्रदेश में पिछले 5 दिनों से बेमौसम बारिश हो रही है. प्रदेश के कई हिस्सों में ओलावृष्टि से गेहूं, सरसों ही नहीं बल्कि आम की फसल को भी बड़ा नुकसान पहुंचा है. उत्तर प्रदेश की 15 फल पट्टी 13 जिलों में फैली हुई है. वहीं इस बार आम के बौर से लगे हुए पेड़ को देखकर आम की अच्छी उपज की उम्मीद जताई जा रही थी लेकिन बारिश और ओलावृष्टि ने इस उम्मीद पर पानी फेर दिया है. मेरठ से लेकर लखनऊ और बनारस के लंगड़ा आम के बाग पर भी नुकसान हुआ है. बरसात के चलते आम के पेड़ों पर कई और रोग भी लग जाते हैं. ऐसे में रोग से बचाव के लिए सही समय पर उपचार किया जाना भी जरूरी है जिससे की बची हुई फसल को सुरक्षित रखा जा सके.

आम की फसल को बारिश से हुआ बड़ा नुकसान

आम की फसल में बौर आने के बाद परागण और फल बनने की काफी महत्वपूर्ण अवस्था चल रही थी. इसी दौरान आंधी और बारिश के साथ-साथ फूलों के प्रकोप से आम के बौर को नुकसान पहुंचा है. पेड़ में लगने वाले बड़े फलों की अपेक्षा छोटे फलों में नुकसान कम है. वहीं वातावरण में आद्रता बढ़ने से फलों और फूलों में एंथ्रेक्नोज के प्रकोप की समस्या बढ़ गई है. खर्रा रोग से फसल उबर चुकी थी, लेकिन अब फिर से यह समस्या बन सकती है. बारिश के चलते मिट्टी के अंदर छिपे हुए कीटों से नुकसान पहुंचने की भी संभावना बढ़ गई है. वहीं आम के नए कल्लो की वृद्धि की संभावना भुनगे का प्रकोप बढ़ सकता है.

ये भी पढ़ें: 17 एकड़ के खेत को बनाया मल्टी क्रॉप का अनूठा मॉडल, फार्म डिजाइनिंग बना टूल

आम की फसल को बचाने के लिए एक्सपर्ट की सलाह

केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के निदेशक टी दामोदरन ने बारिश और ओलावृष्टि से आम की बची हुई फसल को बचाने के लिए कुछ फफूंद नाशक रसायनों का छिड़काव करने की सलाह दी है. मौसम में आद्रता बढ़ने पर इससे भी फलों पर एन्थ्रेक्नोज के बढ़ने की संभावना है. ऐसी दशा में आम को बीमारी से बचाने के लिए कार्बेंडाजिम एवं मैंकोजेब (12+63WP) के 0.2% घोल या मैंकोजेब एवं हेक्साकोनाजोल का or (64+5 SC) के 0.1% घोल या टेबूकोनाजोल एवं ट्राईफ्लाक्सीस्ट्रोबिन (50+25WG) के 0.05% घोल का छिड़काव मौसम साफ होने पर जरूर करें. पुष्प मिंज, थ्रिप्स (रूजी) एवं भुनगे का प्रकोप होने पर इमिडाक्लोप्रिड के 0.4 मिली/ली या थायोमेथाक्जाम का 0.4 ग्रा/ली को भी फफूंदनाशी के साथ मिलाकर छिड़काव कर सकते हैं.