बीमारियों से बचने के लिए जरूरी है कि हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत हो. इम्यूनिटी को मजबूत करने के लिए सही खान-पान बहुत जरूरी है. इम्यूनिटी को मजबूत करने के लिए हम कई तरह की दवाइयों का भी सेवन करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये दवाइयां हमारे शरीर पर बुरा असर डालती हैं. जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने की जगह कम होने लगती है. ऐसे में आज हम एक ऐसा प्राकृतिक उपाय लेकर आए हैं जो प्राकृतिक तरीके से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएगा और आपको स्वस्थ बनाएगा. क्या है वो तरीका आइये जानते हैं.
हर जगह की अपनी अलग पहचान और अलग खासियत होती है. वो जगह उस खास चीज की वजह से जानी भी जाती है. छत्तीसगढ़ की बात करें तो इस राज्य को लेकर एक बहुत मशहूर कहावत है छत्तीसगढ़िया सबसे बढ़िया. छत्तीसगढ़ की इस कहावत के पीछे कई बातें हैं. उनका रहन-सहन, उनका खान-पान इसमें काफी कुछ शामिल है. इसी कड़ी में आता है एक खास नाम- खट्टा भाजी (hibiscus sabdariffa). ये खट्टा भाजी सुनकर आपको लगेगा कि ये कोई खाने वाली सब्जी है. जबकि असल में ये एक पेय पदार्थ है. आइए जानते हैं कि कैसे बनती है खट्टा भाजी और कैसे इम्यूनिटी बढ़ाने में है मददगार.
खट्टा भाजी यानी अमारी भाजी. इसका इस्तेमाल छत्तीसगढ़ के लोग इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए करते हैं.अमारी को बंगाली में अंबाडी भाजी, मेस्तपाट, तेलुगु में गोगुरा, मराठी में अंबाडी भी कहा जाता है. इसके फूल और फल भिंडी जैसे दिखते हैं, लेकिन छोटे होते हैं. यह वह पौधा है जिसके रस का उपयोग फिल्म अभिनेत्री आशा पारेख लंबे समय से करती आ रही हैं.
ये भी पढ़ें: Masoor Price: अरहर के बाद मसूर के भाव में भी आई तेजी, दाम घटाने के लिए सरकार ने की ये खास तैयारी
अमारी की खेती कई जगहों पर की जाती है. जब यह छोटा होता है तो इसकी पत्तियों को तोड़कर बाजार में बेच दिया जाता है. इसकी भाजी को चना दाल के साथ या थोड़े से प्याज और मिर्च के साथ भी पकाया जाता है. इसके फूलों से चटनी भी बनाई जाती है. लोग इसका इसका सेवन अलग-अलग तरीके से करते हैं ताकि इम्यूनिटी को बढ़ाया जा सके.
इसकी पत्तियों में बीटा कैरोटीन, आयरन और कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है. थाईलैंड में इसके फलों के रंग का इस्तेमाल आइसक्रीम को नेचुरल कलर देने में होता है. इससे जैली भी बनाई जाती है.
खट्टा भाजी एक प्रकार का साग है. जिसे आप अन्य चीजों के साथ मिलाकर उपयोग कर सकते हैं. या फिर इसे अन्य साग की तरह पकाया भी जा सकता है. छत्तीसगढ़ के स्थानीय लोग इस साग का बड़ी मात्रा में सेवन करते हैं. जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत रहता है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today