तिलहन फसलों में अहम स्थान रखने वाली फसल सरसों की इस साल अब तक करीब 90 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी है. इस साल भी सरकार ने इसके बंपर उत्पादन का अनुमान लगाया है. लेकिन उत्पादन तब बढ़ेगा जब फसल अच्छी होगी. दरअसल, सरसों की फसल रोगों और कीटों के प्रति बेहद संवेदनशील मानी जाती है. ऐसे में इसमें लगने वाले रोगों के प्रति किसानों को काफी सतर्क रहना चाहिए. सरसों की फसल में सफेद रतुआ और झुलसा रोग लगता है. साथ ही माहू कीट लगते हैं. इससे फसल को कैसे बचाया जा सकता है. इसके बारे में कृषि वैज्ञानिकों ने जानकारी दी है.
कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक सरसों की फसल में सफेद रतुआ से बचाव के लिए एप्रॉन 35 एडडी 6 ग्राम या बाविस्टिन 2 ग्राम/किलोग्राम बीज की दर से बीजोपचार करें. इसके अलावा बुवाई के 50-60 दिनों बाद रोग के लक्षण दिखाई देने पर रिडोमिल एम.जैड.-72 डब्ल्यू.पी. का 2 ग्राम प्रति लीटर पानी दर से 600-800 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें. आवश्यकता पड़ने पर 15 दिनों बाद इंडोफिल का छिड़काव करें.
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अगर झुलसा रोग का प्रकोप हो, तो जिंक मैग्नीज कार्बामेट 75 प्रतिशत की 2.0 किलोग्राम या जीनेब 75 प्रतिशत की 2.5 किलोग्राम मात्रा को 600 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें. सरसों के पत्ते का धब्बा रोग की रोकथाम के लिए बोने से पूर्व बीजों को बाविस्टिन या थीरम दवा की 2.5 ग्राम मात्रा प्रति किलोग्राम बीज दर से उपचारित करें. रोग के लक्षण दिखाई देने पर फफूंदीनाशक स ब्लाइटॉक्स-50 या डायथेन एम-45 की 500-600 ग्राम मात्रा को 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ फसल पर 10-15 दिनों के अंतराल पर 2-3 छिड़काव करें.
यदि बादल वाला मौसम है, तो सरसों में माहू का प्रकोप होता है. इससे बचाव के लिए सरसों की बुवाई मध्य अक्टूबर तक अवश्य कर देनी चाहिए. यदि फिर भी प्रकोप होता है, तो मैलाथियान दवा की एक लीटर या फॉस्फेमिडॉन 85 प्रतिशत के 250 मि.ली. मात्रा को प्रति हेक्टेयर की दर से 500-600 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें.
फसल में सिंचाई जल की उपलब्धता के आधार पर की जा सकती है. यदि एक सिंचाई उपलब्ध है तो 50-60 दिनों की अवस्था पर करें. दो सिंचाई उपलब्ध होने की अवस्था में पहली सिंचाई बुवाई के 40-45 दिनों बाद तथा दूसरी इसके 30-35 दिनों के अंतराल पर करें. फसल को खरपतवारों से मुक्त रखने के लिए 20-25 दिनों में एक बार निराई-गुड़ाई करना आवश्यक है. इससे सरसों की फसल की अच्छी और जल्दी बढ़वार होती है.
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