
अपराजिता के फूल जितने सुंदर होते हैं, उतने ही इसमें औषधीय गुण मौजूद होते हैं. अपराजिता के नीले रंग के फूल में मासिक धर्म की ऐंठन, शरीर के दर्द, अस्थमा, खांसी या चिंता आदि को कम करने में मददगार होते हैं. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भी बहुत से लोग इसे शिवलिंग पर चढ़ाते हैं.
अपराजिता को बटरफ्लाई पी, ब्लू पी और एशियन पिजनविंग्स के नाम से भी जाना जाता है. इसके फूल सुंदर और आकर्षक होते हैं और इनका रंग हल्के नीले से लेकर गहरे बैंगनी तक हो सकता है. अगर आपने भी अपने घर की बालकनी में अपराजिता लगाया हुआ है लेकिन उसपर गिनती के फूल आते हैं तो यहां आपके लिए शानदार टिप्स हैं.
अपराजिता में बंपर फ्लावरिंग के लिए करें ये 3 काम
1. 4-6 सप्ताह में खाद डालें- अपराजिता के पौधे में हर 4-6 सप्ताह में खाद डालें. अत्यधिक नाइट्रोजन से बचें, क्योंकि यह फूलों को खिलने से रोकता है. आप बाजार में मिलने वाला मल्टी मिनरल फर्टिलाइजर भी इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर घर पर बने खाद भी अपने पौधे में डाल सकते हैं.
2. प्रूनिंग- फरवरी महीने में आप अपराजिता के बेल की प्रूनिंग कर सकते हैं. इसके लिए आपको पौधे से सूखी ब्रांच हटानी है. अगर इस समय आप अपने पौधे की प्रूनिंग नहीं करते हैं तो फिर फूल कम आते हैं और नई शाखाएं भी नहीं बनती है. इसलिए कटाई-छटाई समय-समय पर करते रहना चाहिए, जिसमें फरवरी बढ़िया समय है. अगर गमले में लगाया तो उसकी मिट्टी बदल सकते हैं और जड़ ज्यादा हो गई है तो जड़ों को ट्रिम /छांट सकते हैं.
3. मिट्टी की गुड़ाई करें- अपराजिता से ज्यादा फूल लेने के लिए इस फरवरी महीने में उसकी मिट्टी की हल्की गुड़ाई जरूर करें. अपराजिता के पौधे के लिए चाय पत्ती, कॉफी, सरसों का पाउडर, और राख से बनी खाद का इस्तेमाल किया जा सकता है. अपराजिता के पौधे में गाय के गोबर के उपले की राख फायदेमंद साबित होता है. अपराजिता को ऐसी जगह रखें जहां अच्छी धूप आती हो. पौधे की बेल में जब अच्छी धूप लगती है तो इसकी ग्रोथ तेजी से होती है.
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