Agri Quiz: इस पौधे को कहते हैं जड़ी-बूटियों की रानी, कई रोगों के इलाज में होता है इस्तेमाल

Agri Quiz: इस पौधे को कहते हैं जड़ी-बूटियों की रानी, कई रोगों के इलाज में होता है इस्तेमाल

औषधि में गिलोय का बहुत महत्व है. इसे कहीं भी उगाना आसान है. इसकी पहचान करना भी बेहद आसान है. इसके पत्ते पान के पत्तों के आकार के होते हैं और इनका रंग गहरा हरा होता है. गिलोय को आप अपने घरों में सजावटी पौधे के तौर पर भी लगा सकते हैं. तो आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.

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इस पौधे को कहते हैं जड़ी-बूटियों की रानी, कई रोगों के इलाज में होता है इस्तेमालजड़ी-बूटियों की रानी है गिलोय

जड़ी-बूटियां आमतौर पर पौधों से ली जाती हैं. जड़ी-बूटी के तौर पर पूरे पौधे का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. जैसे फल, फूल, बीज, शाखा, जड़ या पत्तियां. जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल कई तरह के कामों में किया जाता है, जैसे खाना, सप्लीमेंट्स, मसाले को स्वादिष्ट और खुशबूदार बनाने के लिए आदि. इतना ही नहीं, जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल दवाई बनाने और प्रिजर्वेटिव के तौर पर भी किया जाता है. जड़ी-बूटियां कई तरह की होती हैं, जिनमें से कुछ का इस्तेमाल ताजा तो कुछ को सुखाकर किया जाता है. जबकि कुछ तरह की जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल ताजा और सुखाकर दोनों तरह से किया जा सकता है.

इसी वजह से इन जड़ी-बूटियों से बनी दवाइयां टी-बैग, टैबलेट, कैप्सूल और सिरप के रूप में उपलब्ध हैं. इन्हीं जड़ी-बूटियों में एक जड़ी-बूटी ऐसी भी है जिसका इस्तेमाल कई तरीके से और कई बीमारियों को ठीक करने में किया जाता है. यही वजह है की इसे जड़ी-बूटियों की रानी भी कहा जाता है. क्या है इस जड़ी-बूटी का नाम आइए जानते हैं.

जड़ी-बूटियों की रानी है गिलोय

आपको बता दें गिलोय को जड़ी-बूटियों की रानी माना जाता है और पारंपरिक रूप से इसका उपयोग विभिन्न रोगों के इलाज के लिए किया जाता है. गिलोय एक प्रकार की बेल है जो आमतौर पर जंगलों और झाड़ियों में पाई जाती है. सदियों से ही गिलोय का उपयोग आयुर्वेदिक औषधि के रूप में किया जाता रहा है. गिलोय के फायदे को देखते हुए हाल के वर्षों में लोगों में इसके प्रति जागरूकता बढ़ी है और अब लोग अपने घरों में गिलोय की बेल लगाने लगे हैं. हालांकि अभी भी ज्यादातर लोग गिलोय की सही पहचान नहीं कर पाते हैं.

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यहां से करें गिलोय ऑर्डर

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गिलोय की पहचान करना बेहद आसान है. इसके पत्ते पान के पत्तों के आकार के होते हैं और इनका रंग गहरा हरा होता है. गिलोय को आप अपने घरों में सजावटी पौधे के तौर पर भी लगा सकते हैं. आप नेशनल सीड्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड से गिलोय आसानी से ऑर्डर कर घर में लगा सकते हैं.

गिलोय के पोषक तत्व

गिलोय में गिलोइन नामक ग्लूकोसाइड और टीनोस्पोरिन, पामेरिन और टीनोस्पोरिक एसिड पाया जाता है. इसके अलावा गिलोय में तांबा, लोहा, फास्फोरस, जस्ता, कैल्शियम और मैंगनीज भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है.

गिलोय के औषधीय गुण

आयुर्वेद के अनुसार गिलोय के तीनों भाग- पत्ते, जड़ और तना- स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं, लेकिन गिलोय के तने या डंठल का इस्तेमाल बीमारियों के इलाज में सबसे ज्यादा होता है. गिलोय में बहुत सारे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं और इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-कैंसर गुण भी होते हैं. इन गुणों के कारण यह बुखार, पीलिया, गठिया, मधुमेह, कब्ज, एसिडिटी, अपच, मूत्र रोग आदि से राहत दिलाता है. बहुत कम औषधियां हैं जो वात, पित्त और कफ तीनों को नियंत्रित करती हैं, गिलोय उनमें से एक है.

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